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समाज को समर्पित भाव से कार्य करने वाले शिक्षकों की अत्यंत आवश्यकता : गिरीश गांधी

यशवंतराव चव्हाण सेंटर और वेद प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित 'वृत्तवेध सुलेखन प्रतियोगिता' में विद्यार्थियों ने शब्द नहीं बल्कि मोती उतारे

नागपुर। शिक्षा और समूचे शिक्षा क्षेत्र में जो विवादास्पद स्थिति उत्पन्न हो रही है, उसे देखकर मन को पीड़ा होती है। पुराने समय में समाज और विद्यार्थियों के प्रति समर्पित भावना से काम करने वाले शिक्षकों की संख्या अधिक थी। लेकिन आज की स्थिति में नौकरी मिलने तक विनम्रता दिखती है और नौकरी लगने के बाद शिक्षक एक अलग ही रूप धारण कर लेते हैं। 

हालांकि वेद प्रतिष्ठान जैसी शिक्षक संगठनों द्वारा विद्यार्थियों में संस्कार और पठन-संस्कृति को सशक्त करने का जो कार्य हो रहा है, वह देखकर हृदय को आनंद होता है। यदि इतने ही शिक्षक भी अपने कार्य को समर्पित भावना से न्याय दे रहे हों, तो निःसंदेह कहा जा सकता है कि वे वास्तव में एक पीढ़ी को गढ़ने का कार्य कर रहे हैं। 

उक्त विचार वनराई संस्था के अध्यक्ष डॉ. गिरीश गांधी ने यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान, नागपुर जिला केंद्र और वेद प्रतिष्ठान नागपुर द्वारा आयोजित वृत्तवेध सुलेखन प्रतियोगिता 2025 के पुरस्कार वितरण समारोह में अध्यक्षीय आसन से व्यक्त किए।

इस कार्यक्रम में सकाळ समाचार पत्र के संपादक प्रमोद काळबांडे, प्रसिद्ध व्याख्याता बाळासाहेब कुलकर्णी, यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान नागपुर केंद्र के अध्यक्ष महेश बंग, वेद प्रतिष्ठान के अध्यक्ष डॉ. मनोहर नरांजे, कोमल ठाकरे, रविंद्र देशमुख, खुशाल कापसे, वसंत गोमासे, निलेश खांडेकर आदि मंच पर उपस्थित थे।

वृत्तवेध सुलेखन प्रतियोगिता 2025 दिनांक 1 मई से 15 जून 2025 तक, विद्यार्थियों की पठन और सुंदर लेखन संस्कृति को बढ़ावा देने हेतु आयोजित की गई थी। यह प्रतियोगिता कुल 45 दिनों की थी, जिसमें 30 दिनों तक प्रतिदिन समाचार पत्र में प्रकाशित किसी एक समाचार की कटिंग को कॉपी में चिपकाकर उसके अगले पृष्ठ पर उसे सुंदर अक्षरों में लिखना होता था। इसमें कुल 92 विद्यार्थियों ने भाग लिया।

प्रतियोगिता दो समूहों में आयोजित की गई :

समूह अ (कक्षा 5वीं से 8वीं) : प्रथम पुरस्कार : क्षितिज कोल्हे – ₹ 1100 नकद, स्मृति चिन्ह एवं प्रमाणपत्र , द्वितीय पुरस्कार : पल्लवी अंबरते – ₹ 900 नकद, स्मृति चिन्ह एवं प्रमाणपत्र, तृतीय पुरस्कार : तृघा खडकी – ₹ 700 नकद, स्मृति चिन्ह एवं प्रमाणपत्र, प्रोत्साहन पुरस्कार : मितांश ढाले एवं धनश्री ठाकरे – ₹ 500 प्रत्येक, स्मृति चिन्ह एवं प्रमाणपत्र

समूह ब (कक्षा 8वीं से 12वीं) : प्रथम पुरस्कार : जानवी हांडे – ₹ 1100 नकद, स्मृति चिन्ह एवं प्रमाणपत्र, द्वितीय पुरस्कार : शर्वरी कोठेकर – ₹ 900 नकद, स्मृति चिन्ह एवं प्रमाणपत्र, तृतीय पुरस्कार : योगिता ठाकरे – ₹ 700 नकद, स्मृति चिन्ह एवं प्रमाणपत्र, प्रोत्साहन पुरस्कार : सेजल कोटेकर एवं अंकिता दिवटे – ₹ 500 प्रत्येक, स्मृति चिन्ह एवं प्रमाणपत्र देकर किया। कार्यक्रम की प्रस्तावना महेश बंग ने प्रस्तुत की। संचालन खुशाल कापसे ने किया और आभार प्रदर्शन डॉ. मनोहर नरांजे ने किया।

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