स्मार्ट सिटी नागपुर नहीं 'स्मार्ट सिटी जलपुर' कहिए
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कभी था एक शहर—नागपुर। संतरे जितना मीठा, मौसम जितना सुहाना, और सड़कें भले ही डांबर की थीं, मगर बरसात में तैराकी की ज़रूरत नहीं पड़ती थी। फिर आया विकास का तिलिस्म! और देखते ही देखते शहर को मिला एक अद्भुत तोहफ़ा—सीमेंट की सड़कें।
अब शहर स्मार्ट है, तो सड़कों को भी स्मार्ट बनाया गया। डांबर की वो मामूली, पानी सोखने वाली, धूप में थोड़ी नरम पड़ने वाली सड़कों को हटाकर लाई गई सफेद, चमकती, 'एसी' टाइप सीमेंट रोड। सुनने में आया कि ये सड़कें 50 साल चलेंगी। हाँ, शायद नाव के साथ।
बरसात आती है, नागपुर बह जाता है।
अब नागपुर में बारिश होना मतलब – सैर के लिए 'लोकल वेनिस' तैयार है! दो इंच बारिश हो और सड़क पर दो फीट पानी ना भरे, तो समझो विकास ने हमें धोखा दे दिया। दुकानदार दुकानें नहीं, बोटिंग सर्विस देने की सोच रहे हैं। गाड़ियाँ अब तैराकी की ट्रेनिंग ले रही हैं और लोग ऑफिस नहीं, नाव से 'डेक' तक जा रहे हैं।
गर्मी में नागपुर: ‘तंदूर टूरिज़्म’ की नयी शुरुआत!
गर्मी आए, तो सीमेंट सड़कें तपकर तंदूर बन जाती हैं। पैर रखो और सोचो – आज रोटी सेंके या खुद को। तापमान 45 डिग्री? कोई बात नहीं, सीमेंट रोड के पास खड़े हो जाओ, शरीर खुद ब खुद भाप बन जाएगा। मुफ्त स्पा ट्रीटमेंट।
गिरोगे तो याद रखोगे
पहले डांबर की सड़क पर गिरो तो थोड़ी बहुत खरोंच, थोड़ी शर्म, और चलो आगे। अब सीमेंट रोड पर गिरो—तो हड्डी से आवाज आएगी, "टन्न"! लगे हाथ एक्सरे भी करवा लो, नया हॉस्पिटल भी स्मार्ट है। विकास के साथ-साथ एक्सीडेंट भी ‘अपग्रेड’ हो गए हैं।
ड्रैनेज प्लानिंग? वो क्या होता है?
जैसे एक स्मार्टफोन के साथ चार्जर नहीं मिलता, वैसे ही स्मार्ट सड़कों के साथ ड्रेनेज नहीं मिलता। "अपने जोखिम पर इस्तेमाल करें" ये लिखा तो नहीं, पर सरकारी दफ्तरों की दीवारों पर लिखा जा सकता है।
कौन ज़िम्मेदार है?
एक अदृश्य शक्ति है जो फ़ाइलों के बीच घूमती है। जब पूछो – "किसने प्लानिंग की?" जवाब आता है – "सबने मिलकर किया।" यानी किसी ने नहीं किया। जब पानी भरता है, तो एक-दूसरे की तरफ़ ऊँगली उठाने का राष्ट्रीय खेल शुरू हो जाता है।
नागपुर वाकई स्मार्ट हो गया है। अब यहाँ की सड़कों पर गाड़ी नहीं, किस्मत चलती है। यहाँ बारिश में छाता नहीं, नाव चाहिए। गर्मी में चश्मा नहीं, एसी वाली गुफा चाहिए। और सबसे ज़रूरी—यहाँ सड़क से ज़्यादा 'सड़क का ड्रामा' है।
तो आइए, हम सब मिलकर इस "विकास रूपी जलजमाव" को सलाम करें।
क्योंकि नागपुर अब सिर्फ शहर नहीं, जलपुर है—जहाँ सड़कें नहीं, स्विमिंग पूल हैं!
- डॉ. प्रवीण डबली
वरिष्ठ पत्रकार
9422125656