गुरु शिष्य परंपरा को अपनाना ही होगा : आर.एन. मिश्रा
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अर्चना संस्था द्वारा गुरु पूर्णिमा उत्सव एवं कवियों के रंग-बरखा के संग कार्यक्रम आयोजित
नागपुर। औद्योगिक प्रगति चाहे जितनी भी हो जाए, गुरु का स्थान कोई नहीं ले सकता। सुसंस्कृत समाज की रचना के लिए हमें गुरु- शिष्य परंपरा को अपनाना ही होगा। अर्चना साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था के तत्वावधान में श्री गीता मंदिर में आयोजित गुरु पूर्णिमा उत्सव के अवसर पर अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में अखिल विश्व सरयूपारीण ब्राह्मण महासभा एवं राष्ट्रीय परशुराम परिषद के प्रदेशाध्यक्ष श्री आर.एन.मिश्रा ने रखे। प्रमुख वक्ता के रूप में सुप्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य एवं साहित्यकार डॉ. गोविंद प्रसाद उपाध्याय, प्रमुख अतिथि वाराणसी के सुविख्यात अधिवक्ता श्री अमरनाथ मिश्रा, विशिष्ट अतिथि कार्यालय प्रधान आयकर आयुक्त नागपुर के उपनिदेशक श्री अनिल त्रिपाठी एवं संस्थाध्यक्ष डॉ. शशिकांत शर्मा मंचासीन थे।
श्री गीता मंदिर के प्रबंधक स्वामी श्री निर्मलानंद जी महाराज के शुभहस्ते दीप प्रज्ज्वलन, मंचासीन अतिथियों द्वारा माँ शारदा व गुरु जोगेश्वरानंद जी के चित्र को माल्यार्पण, पूजा-अर्चना एवं श्रीमती शशि भार्गव की सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। संस्था की ओर से मंचासीन अतिथियों का शॉल, श्रीफल, पुष्पगुछ देकर सत्कार किया गया। श्री दीनानाथ शुक्ल ने अपने प्रास्ताविक में संस्था के उद्देश्यों, गतिविधियों एवं भावी योजनाओं पर प्रकाश डाला। श्रीमती शशि भार्गव के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में स्वामी निर्मलानंद जी महाराज के शुभहस्ते उनका सम्मान किया गया।
इस अवसर पर डॉ. गोविंद प्रसाद उपाध्याय ने कहा कि समाज में कुलगुरु, विद्यागुरु और आध्यात्मिक गुरु का विशेष स्थान है, किंतु महर्षि वेदव्यास का स्थान इन सबमें सर्वोपरि है। श्री अमरनाथ मिश्रा ने भारतीय संस्कृति की महानता बताते हुए आध्यात्मिक गुरु के महत्व का विवेचन किया जबकि श्री अनिल त्रिपाठी ने कहा कि मशीन शिक्षक का स्थान कभी नहीं ले सकती। कार्यक्रम का संचालन श्री उमाशंकर अग्रवाल ने किया एवं नरेंद्र परिहार ने आभार माना।
तत्पश्चात डॉ. शशिकांत शर्मा के कुशल सूत्र संचालन में कवियों के रंग-बरखा के संग काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें सर्वश्री दीनानाथ शुक्ल, जयप्रकाश शर्मा, योगेश कृष्ण मिश्रा, जयराम दुबे, कृष्ण कुमार भार्गव, एस.पी. सिंह, डॉ.कृष्ण कुमार द्विवेदी, डॉ. नीरज व्यास, डॉ. मधुकर वाघमारे, टीकाराम साहू आजाद, तेजवीर सिंह, चंचल सिंह हंसपाल,पी.एन. काशिव, संजय पांडे, सर्व श्रीमती मधु पाटोदिया, श्रीमती सरोज व्यास डॉ. मधुलता व्यास आदि ने वर्षा ऋतु पर आधारित गीत-गजल आदि विविध रचनाएँ प्रस्तुत कीं।
कार्यक्रम की सफलतार्थ डॉ.कल्पेश उपाध्याय, अनुराग भार्गव, डॉ. हरीश पुरोहित, जयराम दुबे, रा.तु.म. नागपुर विद्यापीठ के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज पांडे, डॉ.गायत्री व्यास, राजेंद्र बिडकर, समाजसेवी मनोज पांडे आदि अनेक महानुभावों ने अथक प्रयास किया। इस अवसर पर नगर के अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। संस्थाध्यक्ष डॉ. शशिकांत शर्मा ने सभी उपस्थितों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।