ज्येष्ठ नागरिको ने गो अनुसंधान से आत्मनिर्भर बनने की सीखी कला
वीर सपूतो का सत्कार कार्यक्रम संपन्न
नागपुर। विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन के उपक्रम अभिनंदन मंच (ज्येष्ठ नागरिकों का सम्मान) के अंतर्गत कार्यक्रम में देश के वीर सपूतो के सत्कार के साथ गो अनुसंधान विज्ञान व सामाजिक समन्वय से आत्मनिर्भर बनने की कला ज्येष्ठ नागरिकों ने सीखी। अनिकेत ढोबले लेफ्टिनेंट कर्नल का सत्कार मोमेंटो शाल के द्वारा विजय तिवारी, डॉ कृष्ण कुमार द्विवेदी ने किया। वासुदेव ढोबले, मयूरी ढोबले, अभिनय ढोबले का सत्कार शाल द्वारा किशोर धाराशिवकर, बच्चू पांडेय, ए.के. अवस्थी ने किया। विशिष्ट अतिथि श्रीमती नीतू रमेश नाईक (पचौरी) ज्योतिष आचार्य वास्तु विशेषज्ञ का स्वागत ज्योति अवस्थी ने मोमेंटो शाल से किया। सर्वप्रथम अथितियों का परिचय हेमंत पांडेय और सुनील तिवारी ने दिया।
इस कार्यक्रम का आयोजन हिंदी मोर भवन रानी झांसी चौक में किया गया. प्रमुख अतिथि अनिकेत ढोबले ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार पूर्वक अपने विचार प्रकट किए। ऑपरेशन सिंदूर के तीनों दलों की सेना साथ मिलकर लड़ाई को अंजाम देते है। सेना में सैनिकों से वार्तालाप करते समय कई भाषाओं के माध्यम से प्रयोग करना पड़ता है। सन 1999 की आर- पार की लड़ाई के बारे में विस्तृत जानकारी दी। विशिष्ट अतिथि श्रीमती नीतू रमेश नाईक ने अपने वक्तव्य कविता के माध्यम से शुरुआत की। गाय के गोबर के इस्तेमाल से कई प्रकार की वस्तुएं बनाए उदाहरण के तौर पर जैसे गौमूत्र, माला, गोबर के द्वारा पूजा में हवन की सामग्री, तथा स्वास्थय को तंदुरुस्त रखने के बारे में बताया। कई प्रकार की बीमारियों से निजात मिलेगी। कार्यक्रम का संचालन डा.कृष्ण कुमार द्विवेदी ने किया.इस कार्यक्रम में दोनों अतिथियों से ज्येष्ठ नागरिकों ने प्रश्न पूछे। कृष्णा कपूर ने, श्रीमती मयूरी ढोबले ने अपने पति लेफ्टिनेंट कर्नल के बारे में बताया। लड़ाई के मैदान में डटे रहते है तो उस वक्त अपनी सहनशीलता का परिचय नारी का जो कर्तव्य होता है उसे बताया। वासुदेव ढोबले ने अपने सुपुत्र का जिक्र करते हुए फक्र महसूस किया।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अशोक काले, विलास मोहेरकर, किशोर धराशिवकर, रमेश नायक, नेती नायक, राजेंद्र मिश्रा, श्रीनिधि ढोबले, अभिनय ढोबले, श्रीमती पूजा व्यवहारे, वैभव शर्मा, अंबरीश दुबे, निकेतन गजभिए, सेजल शर्मा, अल्का, श्रीमती पूनम जे पाड़िया, राहुल गुप्ता, हरीश कृष्णराव वाडेकर, लक्ष्मी नारायण केसरकर, सी. यश ठाकरे, प्रकाश कटारिया, बीलू वाघुलकर की उपस्थिति रही। आभार विजय तिवारी ने किया।