माली समाज के बारे में लक्ष्मण हाके का अमर्यादित वक्तव्य : तीव्र निषेध - किशोर कन्हेरे
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नागपुर। माली समाज सदियों से महाराष्ट्र की प्रगति, कृषि और समाजकारण के लिए दिन-रात परिश्रम करने वाला, उद्यमशीलता और शौर्य का परिचय देने वाला समाज है। ऐसे समाज का घोर अपमान करने का दुस्साहस लक्ष्मण हाके ने किया है। उनका यह वक्तव्य अमर्यादित, असभ्य, जातिवाचक और समाज की प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाने वाला है।
लक्ष्मण हाके का यह बयान केवल माली समाज का अपमान नहीं है, बल्कि यह महाराष्ट्र की किसान संस्कृति पर भी प्रहार है। माली समाज हमेशा ओबीसी समाज का महत्वपूर्ण घटक रहा है। जातिवार जनगणना की माँग के लिए पहली याचिका उच्च न्यायालय में माली समाज और ओबीसी नेता किशोर कन्हेरे द्वारा दाखिल की गई थी। लक्ष्मण हाके जातियों में विष फैलाने का काम कर रहे हैं। पिछले चालीस वर्षों से माली समाज सामाजिक स्तर पर कार्यरत है, इसलिए ओबीसी समाज को ऐसे स्वार्थी और पोटभरू लोगों से सावधान रहना चाहिए।
हम लक्ष्मण हाके द्वारा माली समाज के खिलाफ किए गए इस वक्तव्य की तीव्र निंदा करते हैं और उनसे तुरंत समाज से सार्वजनिक माफी माँगने की माँग करते हैं। साथ ही राज्य सरकार और प्रशासन से भी अपेक्षा करते हैं कि इस वक्तव्य की गंभीरता से दखल लेकर उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए।