सफल कार्य के लिए परिवार का पूरा समर्थन जरूरी : अंजली आगासे
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उभरते सितारे मे 'संस्कृति जतन'
नागपुर। स्लम एरिया, रोडसाइड के गरीब बच्चे और आदिवासी बस्ती में जहां जीवन बहुत ही बदहाल अवस्था में है। वहां, मैंने 3 साल पहले निशुल्क 10 - 12 बच्चों को पढ़ाने का कार्य शुरू किया। आज 70 से 80 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उन बच्चों को ना खाने की बराबर व्यवस्था है, ना रहने के लिए अच्छा घर है। उन बच्चों को मैं शिक्षा के साथ- साथ क्रिकेट जैसे खेल के लिए भी उन्हें प्रेरित करती हूं। हमारी भारतीय संस्कृति में क्या- क्या अच्छी बातें हैं और किस प्रकार की पोशाखें अलग- अलग प्रांतों में पहनी जाती है।
हम सब उन्हें विस्तार से अपनी संस्कृति की अच्छी चीज़े उन गरीब बच्चों को सीखाते हैं। गायन और नृत्य की भी जानकारी उन्हें देते हैं। वे बच्चे बहुत मेहनती और उत्साही है। सबसे पहले किसी भी कार्य के लिए परिवार का पूरा समर्थन होना जरूरी होता है। हमारी संस्कृति में हर मां- बाप अपने बच्चों को बहुत सफल और एक अच्छा इंसान बनते हुए देखना चाहते हैं। यह आदिवासी लोग बहुत अच्छे होते हैं। उन्हें प्रकृति से बहुत प्रेम होता है, पर्यावरण से बहुत लगाव होता है। यह विचार अंजली कृष्णा आगासे ने बच्चों और उनके अभिभावकों के बीच रखे।
विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं को समर्पित उपक्रम 'उभरते सितारे' का आयोजन हिंदी मोर भवन के उत्कर्ष हॉल में किया गया। कार्यक्रम का विषय 'संस्कृति जतन' पर आधारित ज्ञानवर्धक, मनोरंजन और संगीतमय प्रस्तुतियों से भरा रहा। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप मे समाजसेवी एवं शिक्षाविद् अंजली कृष्णा आगासे जी उपस्थित थीं। इनका सम्मान संयोजक युवराज कुमार ने स्मृति चिन्ह देकर किया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रशांत शंभरकर ने प्रस्तावना के साथ की। जिसमें उन्होंने अपनी भारतीय संस्कृति विस्तार से समझाया। तत्पश्चात, बच्चों ने अपनी शानदार नृत्य एवं गायन कला का सुंदर प्रदर्शन कर सबका दिल जीत लिया। जिसमें, राघवी काळे, सुहानी सेलोकर और गार्गी गायकवाड के टायगर नृत्य ने सबको प्रभावित किया। प्रशील मेंढे, गार्गी गायकवाड, संदीप वानखेड़े और स्वरा मेंढे ने बेहतरीन गीतों की प्रस्तुति दी।
बच्चों की प्रस्तुतियों को उनके अभिभावकों के साथ-साथ कृष्णा कपूर, दीपक भावे, अमित मेंढे, स्वाति गायकवाड, रंजना मुकेश काळे, पूनम प्रदीप नाळे, दीपाली अमित सेलोकर एवं वैशाली मदारे आदि ने बहुत सराहा। कार्यक्रम मे प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का संचालन एवं, उपस्थित सभी दर्शकों, कलाकारों और बच्चों का आभार संयोजक युवराज कुमार ने अपने शब्दों में व्यक्त किया।