अहंकार दिमक की तरह होता है : मधुसूदन बापू
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नागपुर। सिंधु झूलेलाल वेलफेयर सोसा के तत्वावधान में महंत ठकुर मोहनदास के सानिध्य में सिंधी समाज के ईष्ट देवता वरुण अवतार झूलेलाल जी का चालीस दिन का चालिहा महोत्सव गांधी सागर झूलेलाल मंदिर परिसर में सोत्साह मनाया जा रहा है। महोत्सव में उल्हासनगर से आए बापू मधुसूदन जी बापू ने अपनी ओजस्वी वाणी से भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि मनुष्य जीवन भर मोह माया कमाने में व्यस्त रहता है, लेकिन समय निकाल कर मंदिर जरूर आता है। जो मनुष्य अहंकारी रहता है वो न मंदिर जाता है न ही किसी के संबध में रहता है। उसे अहंकार दिमक के समान धीरे धीरे खत्म कर देता है । इसलिये अहंकार कभी करना चाहिए!आरती के पश्चात महंत ठकुर मोहनदास द्वारा देश में हरियाली खुशहाली के प्रतीक झूलेलाल जी का पल्लव पहनकर समापन किया।
तत्पश्चात लंगर का आयोजन संस्था द्वारा किया गया जिसका हज़ारो भक्तों ने आनद लिया। बापू मधुसूदन जी के प्रवचन आज रविवार को रात्रि ७:३० बजे से होंगे। ऐसी जानकारी राजूभाई माखीजा ने दी। महोत्सव को सफल बनाने में संस्था अध्यक्ष रमेश जेसवानी, दीपक देवसिंघानी, कोडुमल धनराजानी, हरिराम नागपाल, एन कुमार हरचंदानी, मेघराज मैनानी, मनोज मोरियानी, विजय रामानी, मनोहर खुशलानी, पपी आडवाणी, सतीश मीरानी, कन्हैयालाल तलरेजा, राजूभाई माखीजा, सुनील जग्यासी, संजय धनराजानी,राम खुशलानी, सोनू मंघानी, प्रदीप जैसवानी, योगेश उत्तमचंदानी, नंदलाल हरदवानी, नंदलाल देवानी, जवाहर चुग, कमलेश घनवानी, नानक आहुजा, रवि हरदवानी, जय मोरियानी, राजू विधानी, मधु विधानी, सुंदर तारवानी, किशोर मोहनानी, शंकर हरदवानी, जय लखानी, नानक बलवानी, नंद लाल वलेचा प्रयासरत है।