Loading...

समाज के उत्थान के लिए पूरा जीवन समर्पित किया ममतानी ने : नितिन गड़करी


तुलसी सेतिया की पुस्तक विमोचित 

नागपुर। राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद (शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार) के सहयोग से अविशा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित ‘‘प्रभू भक्त व समाज सुधारक संतश्री अधि. माधवदास ममतानी (वकील साहिब)’’ की जीवनी का  विमोचन समारोह संतश्री अधि.माधवदास ममतानी की प्रमुख उपस्थिति में केंद्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी के निवास स्थान में स्थित सभागार में नितिन गडकरी के करकमलों से नागपुर तथा अमरावती सिंधी समाज के गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामय उपस्थिति में आयोजित किया गया। 


विमोचन समारोह की अध्यक्षता संत कंवरराम धाम के गद्दीनशीन संत साईं राजेशलाल साहिब ‘कंवर’ ने की। कार्यक्रम के विशेष अतिथि संत कंवरराम धाम अमरावती के संस्थापक सचिव नानक आहूजा, भारतीय सिंधू सभा के राष्ट्रीय संरक्षक घनश्यामदास कुकरेजा, भाजपा व्यापारी आघाड़ी के प्रदेशाध्यक्ष विरेन्द्र कुकरेजा, मेडिकल काउंसिल आॅफ महाराष्ट्र के प्रशासक डा. विंकी रुघवानी, राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद की सदस्य डा. वंदना खुशालानी, मुंबई से पधारे भाजपा, मुंबई महानगर के उपाध्यक्ष अजीत मन्याल, पूर्व विधायक मिलिंद माने, नाग विदर्भ सेंट्रल सिंधी पंचायत नागपुर के अध्यक्ष सुरेश जग्यासी, संजीवनी फाऊंडेशन के अध्यक्ष दादा वाधनदास तलरेजा, डॉ. गुरमुख ममतानी और विदर्भ सिंधी विकास परिषद के महासचिव पी टी दारा थे।

इस प्रेरणादायी कृति के लेखक महाराष्ट्र राज्य सिंधी साहित्य अकादमी के पूर्व सदस्य तुलसी सेतिया हैं। आए हुए अतिथियों का स्वागत तुलसी सेतिया, किशोर लालवाणी, सुदामचंद तलड़ा, वासुदेव नवलानी एडवोकेट विनोद लालवानी, पंडित दीपक शर्मा, शोभा भागिया, सुरेन्द्र पोपली, लीलाराम कुकरेजा, हरीश माईदासानी, किशन आसूदानी, मूलचंद सेतिया, कपिल कुमार मंशानी, चंदू गोपानी तथा परमानंद कुकरेजा ने किया।

सर्वप्रथम रंगकर्मी एवं लेखक किशोर लालवानी ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए इस जीवनी की रचना प्रक्रिया की जानकारी दी। पुस्तक के लेखक तुलसी सेतिया ने अपना मनोगत व्यक्त किया। तत्पश्चात सभी गणमान्य अतिथियों ने पुस्तक का विमोचन कर संत परंपरा के योगदान और सामाजिक मूल्यों के प्रचार में तुलसी सेतिया के इस प्रयास की सराहना की। कद्दावर नेता व स्वप्नदृष्टा नितिन गडकरी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि पारिवारिक रुप से मेरा इस परिवार से बहुत अच्छा परिचय है। 

उन्होंने समाज के उत्थान के लिए पूरा जीवन समर्पित कर दिया। मैंने इनके द्वारा आयोजित ‘प्रभात फेरी’ मे कई बार उपस्थिति दी है। वे आनेवाली पीढ़ियों को संस्कार देने का काम करते हैं। व्यक्ति के संस्कार उसके परिवार से आते हैं। अनेक परिवार मिलकर समाज बनता है। विरेन्द्र कुकरेजा ने बताया कि हमारे संतो के दिये हुए संस्कार हमारे जीवन को बदल देते हैं। देश के हृदय में बसे नागपुर शहर के संत अधि. माधवदास ममतानी परमात्मा का प्यारे भक्त हैं। उनके जीवन पर लिखी इस पुस्तक में लेखक तुलसी सेतिया का आध्यात्मिक एवं सामाजिक चिंतन साफ झलकता है। 

संतश्री अधि. माधवदास ममतानी के सुपुत्र डा. गुरमुख ममतानी ने पिताजी के जीवन के आध्यात्मिक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पिताजी का मन बचपन से ही प्रभू भक्ति में लीन रहा। जब वे पाठशाला में पढ़ते थे उसी समय से ही वे भजन गाया करते थे। सुरेश जग्यासी ने पुस्तक के लेखक तुलसी सेतिया को बधाइयां देते हुए कहा कि गुरबाणी के प्रचारक व पथप्रदर्शक पेशे से वकील अधि. माधवदासजी को सब लोग प्यार से वकील साहब कहकर पुकारते हैं।

कार्यक्रम में दौलत कुंगवानी, प्रा.पी.डी.केवलरामानी, जयप्रकाश गुप्ता, एड. किशोर देवानी, प्रकाश तोतवानी, कमल ममतानी, पंजू तोतवानी, अनिल कुकरेजा, नारायण आहूजा, श्याम सावलानी, प्रभूमल मंशानी, नेहा तलरेजा, डा.अंजू ममतानी, अविशा प्रकाशन के अविनाश बागड़े, स्कॅन डॉट कंप्यूटर के संचालक सी.डी. शिवनकर, अमरावती से पधारे मोहनलाल मंधानी, आत्माराम पुरसवानी, दीपक दौलतानी, डेटाराम मनोजा विशेष रुप से उपस्थित थे। कार्यक्रम का उत्कृष्ट संचालन प्राध्यापक डॉ. सोनिया जेसवानी ने किया।
समाचार 2606163748670310009
मुख्यपृष्ठ item

ADS

Popular Posts

Random Posts

3/random/post-list

Flickr Photo

3/Sports/post-list