हरित जागरूकता और सतत प्रथाओं के माध्यम से पर्यावरण चेतना को बढ़ावा देना’ इस विषय चर्चासत्र संपन्न
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नागपुर। एल.ए.डी एवं श्रीमती आर पी महिला महाविद्यालय शंकरनगर, नागपुर में ‘हरित जागरूकता और सतत प्रथाओं के माध्यम से पर्यावरण चेतना को बढ़ावा देना’ इस विषय पर एक बैठक 28 अगस्त 2025 को दोपहर 2:00 बजे एल.ए.डी. कॉलेज, शंकरनगर, नागपुर के सम्मेलन कक्ष में आयोजित की गई।
यह बैठक ‘हरित शिक्षा : पर्यावरण-अनुकूल शिक्षा को बढ़ावा देने का एक मार्ग’ पहल के तहत आयोजित की गई थी, जिसका उद्देश्य शैक्षणिक विषयों में स्थिरता को एकीकृत करना, संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के साथ संरेखित करना, और ऐसे पर्यावरण-दूतों को विकसित करना है जो अपने समुदायों को सार्थक पर्यावरणीय परिवर्तन की ओर ले जा सकें।
इस सत्र का एक प्रमुख आकर्षण सामाजिक उद्यमी और पर्यावरणविद् तनवीर मिर्ज़ा द्वारा दी गई एक प्रभावशाली प्रस्तुति थी, जिन्होंने पर्यावरणीय परिवर्तन की तात्कालिकता पर ज़ोर दिया और सतत प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए स्पष्ट, व्यावहारिक रणनीतियाँ प्रस्तुत कीं। उनके शब्दों ने प्रतिभागियों के दिलों को गहराई से छुआ और आज की पारिस्थितिक चुनौती से निपटने में सामूहिक ज़िम्मेदारी का आग्रह किया।
इस सम्मेलन में सेवादल महिला महाविद्यालय, धरमपेठ एम.पी. देव मेमोरियल साइंस कॉलेज, श्री रामदेवबाबा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट, अंजुमन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, श्री बिंजानी सिटी कॉलेज, मनोहरराव कामड़ी कॉलेज और तिरपुड़े इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी सहित कई अन्य संस्थानों के संकाय और समन्वयक एकत्रित हुए। उनकी सक्रिय भागीदारी ने उनके परिसरों के भीतर और बाहर स्थिरता को आगे बढ़ाने के लिए एक साझा प्रतिबद्धता को दर्शाया।
चर्चा को और मज़बूती और परिप्रेक्ष्य प्रदान करते हुए, जे.सी.आई. के प्रशिक्षकों ने छात्र जुड़ाव और सामुदायिक आउटरीच को आकार देने पर अमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की। जे.सी.आई., नागपुर के साथ एल.ए.डी. कॉलेज का सहयोग और इन विविध संस्थानों की सामूहिक भागीदारी केवल एक गठबंधन से कहीं अधिक का प्रतिनिधित्व करती है। इस एकजुटता में पर्यावरणीय कार्रवाई की शक्ति को बढ़ाने और बिखरे हुए प्रयासों को एकीकृत शक्ति में बदलने की क्षमता है, जो वास्तविक परिवर्तन लाने में सक्षम हो।
बैठक आशावाद और दृढ़ संकल्प के साथ संपन्न हुई। यह न केवल एक शानदार सफलता थी, बल्कि नागपुर के शैक्षणिक और सामाजिक पारिस्थितिकी तंत्र में नई गति के निर्माण का प्रतीक भी थी। यहाँ देखी गई सहयोग की भावना ने भविष्य के सहयोगों के लिए एक मजबूत नींव रखी है। एक स्थायी साझेदारी जो पर्यावरणीय क्षरण के संकट से निपटने के लिए एक हरित,और अधिक टिकाऊ कल के पोषण के लिए समर्पित है।