आजादी के गुमनाम सिपाही की दास्तान की जानकारी से ज्येष्ठ नागरिक हुए लाभान्वित
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नागपुर। विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन के उपक्रम अभिनंदन मंच (ज्येष्ठ नागरिकों का सम्मान) के अंतर्गत कार्यक्रम में ‘आजादी के गुमनाम सिपाही की दास्तान’ से लाभान्वित हुए ज्येष्ठ नागरिक। कार्यक्रम के प्रमुख अथिति डॉ भूषण भस्मे विद्या भूषण फाउंडेशन नागपुर, विशिष्ट अतिथि एडोकेट जगत वाचपेई नागपुर मंच पर उपस्थित रहे। इन अतिथियों का स्वागत विजय तिवारी, डॉ सौरभ शुक्ला, मुकेश मिश्रा, शेषनाथ पांडेय, डॉ कृष्ण कुमार द्विवेदी ने मोमेंटो शाल से स्वागत किया।
इस कार्यक्रम का आयोजन हिंदी मोर भवन रानी झांसी चौक में किया गया. प्रमुख अतिथि डॉ भूषण भस्मे ने अपने उद्बोधन में कहा कि, कितने मुश्किलों के बाद आजादी हमें मिली है। इसके कितने संघर्ष और वीरों ने अपने प्राणों को आहुति दी। जिन्होंने आजादी की लड़ाई लड़ी उनका नाम इतिहास में उल्लेख ही नहीं है। हमें आने वाली पीढ़ी को ऐसे कार्यक्रमों के मार्फत से आजादी की लड़ाई में कितनो वीरों ने अपने प्राण गवाएं तब जाके हमे आजादी मिली। तभी आजादी की हकीकत आज की पीढ़ी जान पाएगी और समझ पाएंगे आजादी के मायने क्या है ?
विशिष्ट अतिथि ने अपने वक्तव्य में कहा कि आजादी की लड़ाई कई वर्षों पहले से लड़ी जा रही है। कई ऐसे वीरों का नाम का उल्लेख किया जो नाम इतिहास में भी दर्ज नहीं। 1857 के पहले का इतिहास बताया। आज भी कई वीरों ने लड़ाई लड़ी नवयुवक का नाम आजादी के इतिहास में उसका कही का उल्लेख नहीं किया गया।
इस कार्यक्रम में अपने अपने विचार साझा किए जिनमें सर्व प्रथम हेमंत कुमार पांडेय, मदन गोपाल वाचपेई, विजय तिवारी ने रखे। इस कार्यक्रम को सफलतार्थ हेतु वैभव शर्मा, पवन तिवारी, बच्चू पांडेय, रवि, अपूर्वा पाल, माया शर्मा, मनोहर गजभिए, लक्ष्मीकांत कोठारी, विलास महोरकर, हंसदेश मेश्राम, संगीता पेंदाम, रवि महतो, शिवशंकर श्रेयस रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ कृष्ण कुमार द्विवेदी ने किया ।