विषय में आनंद मिलेगा तो बच्चे जल्दी सीख पाएंगे : वासुदेव मोहाडीकर
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उभरते सितारे मे 'ज्ञानदीप'
नागपुर। विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं को समर्पित उपक्रम 'उभरते सितारे' का आयोजन हिंदी मोर भवन के उत्कर्ष हॉल में किया गया। कार्यक्रम का विषय 'ज्ञानदीप' पर आधारित भावपूर्ण और संगीतमय प्रस्तुतियों से भरा रहा। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप सेवानिवृत विज्ञान शिक्षक एवं साइंस एक्सप्लोरेट्री मैंटर वासुदेव मोहाडीकर उपस्थित थे। इनका सम्मान संयोजक युवराज चौधरी ने स्मृति चिन्ह देकर किया। अपने संबोधन में वासुदेव मोहाडीकर ने बच्चों को वैज्ञानिक प्रयोग करके दिखाया।
और, समझाया की शिक्षक का काम होता है बच्चों का उत्थान करना, उनकी प्रगति की ओर ध्यान देना, उनको प्रेरित करना। बच्चों को जब तक किसी भी विषय में आनंद नहीं मिलेगा तो वह विषय को बच्चे जल्दी नहीं सीख पाएंगे। इसीलिए, पहले गीत के माध्यम से उन्हें आनंदित कर विज्ञान के बारे में उन्हें समझाया जाता है। तो, बच्चे बहुत जल्दी मज़ा लेकर विज्ञान को समझ और सीख पाते हैं। उन्होंने हवा के दबाव का प्रयोग बैलून के ऊपर करके दिखाया। तथा, बिना बिजली के पानी के दबाव से रंगीन फव्वारा बनाकर बच्चों को समझाया।
तत्पश्चात, जिनीषा भोजवानी और गार्गी गायकवाड के सुंदर नृत्य ने सबका मन मोह लिया। अव्यक्त भोजवानी, संदीप वानखेडे, जिनीषा भोजवानी और अर्चिता लखोटे ने बेहतरीन गीत सुनाए। बच्चों की प्रस्तुतियों को उनके अभिभावकों के साथ-साथ वसुधा सुधाकर लिहिपांडे, वीणा मोहाड़ीकर, प्रियंवदा खोबरागड़े, विनोद बारसागड़े, अश्विनी अजय लखोटे, स्वाति गायकवाड, मुस्कान मोडक, सीमा लूहा, नम्रता भोजवानी, नेहा ठाकुर, बबीता अवस्थी और वैशाली मदारे आदि ने बहुत सराहा। कार्यक्रम का संचालन एवं, उपस्थित सभी दर्शकों, कलाकारों और बच्चों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने अपने शब्दों में व्यक्त किया ।