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श्री श्री रविशंकरजी ने नागपुर में सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का महारुद्र पूजन एवं विज्ञान भैरव जैसे शिविरों में मार्गदर्शन किया


जब श्री श्री रविशंकरजी नागपुर पहुंचे तो उन्होंने हवाई अड्डे पर मीडिया से बातचीत की। इस मौके पर वरिष्ट आर्ट ऑफ़ लिविंग टीचर चंदु गलगलीकर सहित अन्य उपस्थित थे।

नागपुर। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकरजी की उपस्थिति में प्राचीन सोमनाथ ज्योतिर्लिंग महारुद्र पूजा और गुरुदेव श्री श्री रविशंकरजी के सानिध्य में नागपुर में महासत्संग का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम बुधवार, 10 सितंबर को शाम को मानकापुर स्थित खेल परिसर में शुरू हुआ। इस कार्यक्रम के लिए जब श्री श्री रविशंकरजी नागपुर पहुंचे तो उन्होंने हवाई अड्डे पर मीडिया से बातचीत की। इस मौके पर उन्होंने नेपाल में जारी हिंसा पर दुख जताया। उन्होंने कई शंकाएं भी जताईं। इसके अलावा उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर जानकारी दी।

विदर्भ में किसानों की आत्महत्याएं अभी भी जारी हैं। किसानों का आत्मविश्वास कमजोर हो रहा है, हमने अतीत में कई कठिनाइयों को पार किया है। कुछ साल पहले हमने 370 गांवों में पदयात्रा निकाली थी। वह नेपाल के लोगों के संपर्क में हैं। युवाओं में अवसाद बढ़ रहा है, जब भी कोई आंदोलन होता है, असामाजिक तत्व उसमें घुस आते हैं, कोई अंतरराष्ट्रीय साजिश भी हो सकती है, उन्होंने कहा। वह नागपुर के तीन दिवसीय दौरे पर थे। इस दौरान वह महारुद्र पूजन, विज्ञान भैरव जैसे शिविरों में मार्गदर्शन किया।

श्री श्री रविशंकरजी ने सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का महारुद्र पूजन किया। वह अपने साथ सोमनाथ ज्योतिर्लिंग लाए थे। सोमनाथ ज्योतिर्लिंग एक हज़ार साल पहले नष्ट हो गया था, उसके पिंड लोग दक्षिण भारत ले गए थे, वह पिंड नागपुर लाया गया है। आम नागरिक सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन किया। उन्होंने कहा, आध्यात्मिक मार्ग पर चलें, ईश्वर में आस्था रखें।

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