स्व. बाबासाहेब नाहटकर की जन्मशती के अवसर पर ‘श्यामची आई’ महानाट्यम
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नागपुर। महाराष्ट्र में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जो साने गुरुजी के महत्व को न जानता हो। उनके द्वारा रचित अमूल्य साहित्य उनकी आत्मकथा ‘श्यामची आई’ है। इसका नाट्य रूपांतर श्री राजेंद्र उच्च विद्यालय के पूर्व शिक्षक श्री प्रभाकरराव ठेंगड़ी द्वारा रचित और निर्देशित कलाकृति है। यह नाटक श्री राजेंद्र हाई स्कूल के संस्थापक स्व. यशवंतराव उपाख्य बाबासाहेब नाहटकर की जन्मशती के अवसर पर प्रस्तुत किया गया।
‘श्यामची आई’ विद्यालय की पूर्व छात्रा रोहिणी मोहरिल के सुंदर एवं सहज अभिनय द्वारा प्रस्तुत यह नाटक दर्शकों के मन पर गहरी छाप छोड़ता है। यह नाटक उचित मूल्यों के बीजारोपण के साथ-साथ तत्कालीन स्वतंत्रता संग्राम पर भी प्रकाश डालता है। लेखक एवं निर्देशक प्रभाकरराव ठेंगड़ी ने साने गुरुजी के जीवन में घटित घटनाओं को नाटकीय रूप देकर मूल्यों का बीजारोपण करने का बहुत अच्छा कार्य किया है।
म.प्र. शिक्षा समिति के संस्थापक स्व. यशवंतराव उपाख्य बाबासाहेब नाहटकर की जन्मशती एवं स्व. साने गुरुजी की 75वीं जयंती पर इन दोनों महान विभूतियों को श्रद्धांजलि स्वरूप यह महान नाटक हाल ही में कविवर्य सुरेश भट्ट सभागार में प्रस्तुत किया गया। प्रस्तुत प्रयोग विद्यालय के विद्यार्थियों एवं अभिभावकों के लिए पूर्णतः निःशुल्क था। इस नाटक के माध्यम से मोबाइल के इस युग में नई पीढ़ी को शिक्षित करने का महत्वपूर्ण कार्य किया गया है।
इस नाटक में मुख्य भूमिकाएँ कलाकार मनीष मोहरिल, अनिल पालकर, वल्लभ पाठक, अनिकेत कोल्हेकर, मोहन पात्रीकर, नारायण जोशी, मुकुंद वासुले, श्रीमती शोभना मोहरिल, श्रीमती गीता काले, श्रीमती उज्वला अंधारे, मंगेश बावसे और श्याम की माँ की मुख्य भूमिका में श्रीमती रोहिणी मोहरिल ने निभाई।
स्व. बाबासाहेब नाहटकर जन्म शताब्दी कार्यक्रम का उद्घाटन श्रीमंत राजे मुधोजी भोसले ने किया। संस्था के अध्यक्ष श्री रमेश थोम्ब्रे थे। परिचयात्मक भाषण सचिव मोहन नाहटकर ने दिया।
इस अवसर पर पूर्व प्राचार्य मनोहरराव आग्रेकर, श्रीमती रश्मि थोम्ब्रे, अशोक मेश्राम, अजय नाहटकर, श्रीमती नीता जाधव, श्रीमती रंजना चौधरी और वरिष्ठ शिक्षक प्रभाकरराव ठेंगड़ी को हार, श्रीफल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त, डॉ. प्रणव थोटे (पूर्व छात्र), विनायकराव देशमुख हाई स्कूल के प्राचार्य प्रमोद मरोड़कर, गंभीर बीमारी से उबरने के बाद नागपुर से पंढरपुर तक साइकिल से आए महेश गोडबोले, गांधीवादी विचारधारा के विद्वान डॉ. सपन जोशी, श्रीमती सीमा पेटकर (शिक्षा विभाग की अधिकारी) को भी सम्मानित किया गया।
उद्घाटन के अवसर पर संस्थान के पदाधिकारी विवेक नाहटकर, श्रीमती मंगला नखाटे, श्रीमती रश्मि थोम्ब्रे, श्रीमती अर्चना नाहटकर, तुषार नाहटकर, अजय नाहटकर, डॉ. श्रीमती स्मिता नाहटकर, प्राचार्या डॉ. श्रीमती अर्चना बोडखे (उप-प्राचार्या), श्रीमती वर्षा निवंत (पर्यवेक्षक), श्री विलास जाधव (पर्यवेक्षक) और विभिन्न क्षेत्रों के कई गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में कार्यक्रम संपन्न हुआ। संस्था के पदाधिकारियों और विद्यालय के शिक्षकों ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत की।