शिक्षा और नैतिकता राष्ट्र के विकास की धुरी
सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत वक्तृत्व स्पर्धा का आयोजन
नागपुर। महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी, मुम्बई और हिन्दी विभाग, राष्ट्रसंत तुकदोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय की ओर से ‘सेवा पखवाड़ा’ के अन्तर्गत विदर्भ स्तरीय वक्तृत्व स्पर्धा का आयोजन विश्वविद्यालय के भाषा भवन सभागृह में किया गया। स्पर्धा में बोलते हुए स्पर्धकों ने शिक्षा और नैतिकता को राष्ट्र के विकास की धुरी बताया। आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना शिक्षा में नवाचार से ही पूर्ण होगी। वक्ताओं ने कहा कि भारतीय मूल्य चेतना के संवहन के लिए शिक्षा में नैतिकता को वरीयता देनी होगी। राष्ट्र का सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विकास इसी पर अवलंबित है।
प्रतिभागियों को पुरस्कृत करते हुए महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी, मुम्बई के पूर्व सदस्य अजय पाठक ने कहा कि शिक्षा से ही नैतिक मूल्यों का सिंचन होता है। शिक्षा वही श्रेष्ठ और उपयोगी होती है जो व्यक्ति को संस्कारवान बनाती है। स्पर्धा के संयोजक हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज पाण्डेय ने आयोजन के उद्देश्य को रेखांकित करते हुए कहा कि अमृत काल में आत्मनिर्भर भारत की चर्चा हो रही है। युवाओं की आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सक्रिय भूमिका है। शिक्षा का कार्य संस्कारित करना है। नए भारत की नींव शिक्षा और नैतिकता पर केंद्रित होगी। विदर्भ स्तरीय वक्तृत्व स्पर्धा में नगर की प्रतिष्ठित वक्ता डॉ. कविता जाधव, वसंतराव नाईक शासकीय कला व समाज विज्ञान संस्थान के डॉ. कपिल सिंघल तथा धरमपेठ विज्ञान महाविद्यालय के डॉ. राजेश पशीने ने निर्णायक की भूमिका निभाई। निर्णायक डॉ. कविता जाधव ने वक्तृत्व गुणों की चर्चा की ।उन्होंने विषय की गहराई को समझने पर बल दिया। प्रो. कपिल सिंघल ने विचारों को तथ्यों के साथ प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने पर जोर दिया। डॉ. राजेश पशीने ने प्रतिभागियों के वक्तृत्व कौशल की सराहना करते हुए कहा कि विचार स्पष्ट होने से ही अभिव्यक्ति धाराप्रवाह हो सकती है।
स्पर्धा में विदर्भ के विभिन्न शिक्षा संस्थानों के ५८ विद्यार्थियों ने प्रतिभागिता की। वीएमवी कॉलेज की छात्रा कु. श्रेया शुक्ला ने प्रथम स्थान अर्जित किया, जबकि इंदिरा गांधी शासकीय मेडिकल कॉलेज, नागपुर की छात्रा कु. सारा सिंघवी ने द्वितीय पुरस्कार तथा भाषा विज्ञान विभाग, रातुम नागपुर विश्वविद्यालय के छात्र ओम ढोक ने तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया, जिन्हें क्रमशः प्रमाण पत्र, स्मृति चिह्न सहित प्रथम पुरस्कार 10 हजार, द्वितीय पुरस्कार 7 हजार तथा तृतीय पुरस्कार 5 हजार रुपये नगद प्रदान किए गए। दो प्रतिभागियों - संकेत तंबाखे, स्व. दागोजी पिसे महाविद्यालय, नेरी, चन्द्रपुर तथा सतीश शुक्ला, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नागपुर को प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किया गया। स्पर्धा में विदर्भ के विभिन्न भागों से प्रतिभागी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।