हिन्दी विभाग की प्रेरणा पारसे को 'बड़ौदा मेधावी विद्यार्थी सम्मान'
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नागपुर। हिन्दी साहित्य में विश्वविद्यालय की प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर हिन्दी विभाग, राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय की छात्रा प्रेरणा पारसे को बैंक ऑफ बड़ौदा के क्षेत्रीय प्रमुख श्री मनोज वडोदरीया नागपुर विश्वविद्यालय के मानविकी संकाय के अधिष्ठाता डॉ. शामराव कोरेटी के हाथों 'बडौदा मेधावी विद्यार्थी सम्मान' से सम्मानित किया गया। इस दौरान मंच पर निर्णायक द्वय प्रभा ललित सिंह तथा एस.पी. सिंह तथा विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज पाण्डेय उपस्थित थे।
कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. शामराव कोरेटी ने अपने सम्बोधन में भारतीय भाषा के महत्त्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह प्रेरणा का विषय है कि विश्वविद्यालय की परीक्षा में विशेष सफलता प्राप्त करनेवाले विद्यार्थियों को बैंक ऑफ बड़ौदा जैसा प्रतिष्ठित संस्थान पुरस्कृत करता है। बैंक ऑफ बड़ौदा के क्षेत्रीय प्रमुख मनोज वडोदरीया ने कहा है कि बैंक ऑफ बड़ौदा राष्ट्र का एकमात्र बैंक है जो देशभर के विश्वविद्यालयों में हिन्दी विषय में विश्वविद्यालय स्तर पर प्रावीण्य सूची में प्रथम और द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को "बड़ौदा मेधावी विद्यार्थी प्रतिभा सम्मान" से सम्मानित करता है। वर्ष २००६ से यह योजना सतत् जारी है। सत्र २०२४-२५ के लिए विश्वविद्यालय की प्रथम दो मेरिट प्राप्त विद्यार्थियों - प्रेरणा पारसे को प्रथम पुरस्कार ११०००/- और आशीष उपाध्याय को द्वितीय पुरस्कार ७५००/- नगद राशि प्रदान किए गए।
हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज पाण्डेय ने कहा कि प्रतिवर्ष बैंक द्वारा प्रदान किए जानेवाले इस पुरस्कार को लेकर विद्यार्थियों में बड़ी उत्सुकता रहती है। इससे विद्यार्थियों में भाषा के प्रति ललक और सम्मान भाव विकसित होता है। बैंक ऑफ बड़ौदा की राजभाषा अधिकारी प्रतीका साकल्ले ने अपने उद्बोधन में बैंकिग सेक्टर से लेकर शिक्षा क्षेत्र में हिन्दी की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर बैंक के सौजन्य से अंतर -महाविद्यालयीन वाद - विवाद प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। स्पर्धा का विषय था - 'बहुभाषिकता हमारी शक्ति है या कमजोरी'। इस प्रतियोगिता में नागपुर के विभिन्न महाविद्यालयों के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता के तीन उत्कृष्ट टीम को नगद पुरस्कार और प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। ओम ढोक और विशाल खर्चवाल को प्रथम पुरस्कार, अतिशय जैन और यश वाघ को द्वितीय पुरस्कार तथा श्रेया शुक्ला और पूजा पाल को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक डॉ. सुमित सिंह ने किया।
