हमने कुछ खोया है तभी कुछ पाया है : डॉ. रेणु बाली
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वामा विमर्श मंच का आयोजन
नागपुर। वामा विमर्श मंच के तत्वावधान में वर्ष 2025 'क्या खोया, क्या पाया' इस विषय पर परिचर्चा और काव्य पाठ का आयोजन किया गया। आयोजन की मुख्य अतिथि श्रीमती चित्रा पुरी ( पूर्व उपप्राचार्य एवं पूर्व विभागाध्यक्ष हिंदी, सेंटर प्वाइंट स्कूल) थीं तो वहीं आयोजन की अध्यक्षता डॉ. रेणु बाली (पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष, माॅरिस काॅलेज) ने की तथा मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखिका अर्चना सिंह सोनी थी।
आयोजन का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। उमा हरगन द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। वामा मंच की अध्यक्षा रीमा दीवान चड्ढा ने अपनी प्रस्तावना में मंच द्वारा वर्ष भर किये गये कार्यक्रमों और भावी आयोजनों की रूपरेखा पर प्रकाश डाला और विषय पर अपने अनुभव के साथ बात करते हुये कहा कि ये साल कपूर की तरह उड़ गया। डॉ. रेणु बाली जी ने अध्यक्षीय वक्तव्य में वामा विमर्श मंच की सराहना की और कहा कि ये आत्म चिंतन का विषय है। हम सबने कुछ खोया है तभी कुछ पाया है। हमने जिन संस्कारों को जिया है उसे भावी पीढ़ी को देने का प्रयास करें।
मुख्य अतिथि चित्रा पुरी जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि हमें आपस में फूल में खुशबू की तरह मिल जाना है। हिन्दी की अलख जलाये रखने की प्रेरणा के साथ अपनी कविता में उन्होंने कहा - आओ उपजते अभिशापों को हम सब मिलकर वरदान करें। प्रमुख वक्ता अर्चना सिंह सोनी ने वैश्विक मंच पर अभूतपूर्व कीर्तिमान बनाने वाले भारतीय आस्था , संस्कृति और परम्परा के स्वर्णिम अवसर महाकुंभ से शुरुआत की और वर्ष भर की प्रमुख घटनाओं की संक्षिप्त जानकारी देते हुये कहा ये वर्ष मोस्ट हैपनिंग साल रहा।
कार्यक्रम का सधा हुआ संचालन आरती सिंह एकता ने किया। इस अवसर पर लेखिका वंदना सहाय के लघुकथा संग्रह भूख के जीन्स तथा शगुफ्ता यास्मीन काजी के लघुकथा संग्रह अनुत्तरित का लोकार्पण भी किया गया। वामा विमर्श मंच की सखियों ने भी आयोजन में परिचर्चा और काव्य पाठ में अपनी शानदार भूमिका अदा की और अपने विचारों को प्रस्तुत किया । आभार संस्था की सचिव नीलम शुक्ला ने दिया।कार्याध्यक्ष शगुफ्ता काजी , सहसचिव जिगिशा शाह और कोषाध्यक्ष रेशम मदान ने आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वामा विमर्श मंच के आयोजन में परिचर्चा *क्या खोया क्या पाया* में प्रस्तुतियां देने वाली सखियां सुषमा अग्रवाल ,सुषमा भांगे, शारदा मिश्रा, डाॅ छाया श्रीवास्तव , डाॅ.मधु लता व्यास, भारती रावल, आभा आसुदानी एवं विधि ग्वालानी थीं। काव्य पाठ में प्रस्तुति देने वाली सखियों में सुधा राठौर, हेमलता मिश्र मानवी, अलका देशपांडे, अर्चना राज चौबे, शिवानी सिंह, उमा हरगन, कामिनी शुक्ला, विशाखा खंडेलवाल ,अर्चना चौरसिया, ऋतु असाई, रेणु मालवीय, वंदना सहाय, ममता सिंह, आरती पाटिल , नीलम शुक्ला और रेशम मदान थीं . कार्यक्रम में छवि चक्रवर्ती, नंदिता सोनी, सुविधि जायसवाल, अनीता गायकवाड़, अनीता गुप्ता, नंदा वजीर, सरिता त्रिवेदी अवंती इंदुरकर और गार्गी सोनी उपस्थित थीं।

