सभी अदालतों में कामकाज होगा शुरू
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नागपुर। मार्च में लॉकडाउन लगने के बाद अदालतों का कामकाज भी प्रभावित हुआ था। प्रत्यक्ष सुनवाई की जगह वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई शुरू हुई थी। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा अनलॉकडाउन लागू करने के साथ ही वकील लगातार मांग कर रहे थे कि अदालतों में नियमित कामकाज शुरू होना चाहिए। आखिरकार इसे मान्य कर लिया गया है।
हाईकोर्ट सहित सभी निचली अदालतों में 1 दिसंबर से नियमित कामकाज शुरू होगा। हाईकोर्ट रजिस्ट्री ने इसकी अधिकृत घोषणा की है। इस घोषणा के अनुसार 1 दिसंबर से 1 जनवरी तक नागपुर खंडपीठ में याचिकाओं पर प्रत्यक्ष सुनवाई शुरू होगी। सुबह 10.30 से दोपहर 1 बजे तक पहला सत्र और दूसरा सत्र 2 से 4 बजे के बीच होगा।
कोर्ट में सभी को सोशल डिस्टेंसिंग की एसओपी का पालन करना होगा। यह भी स्पष्ट किया गया है कि जिन मामलों में प्रत्यक्ष सुनवाई होगी, उनमें फिर वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई नहीं ली जाएगी। कोर्ट रूम में भी सीमित व्यक्तियों को ही अनुमति होगी। वकीलों को अधिकतम एक सहकर्मी और क्लर्क के साथ कोर्ट परिसर में आने की अनुमति है। इसमें भी उन्हें अपना पहचान पत्र साथ रखना होगा। मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल अनिवार्य होगा।
हाईकोर्ट की ही तरह निचली अदालतों में भी 1 दिसंबर से ही कामकाज शुरू होगा। पुणे जिले की अदालतों को इससे बाहर रखा गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, पुणे जिले में कोरोना संक्रमण की बढ़ती घटनाओं के कारण यह निर्णय लिया गया था। उच्च न्यायालय के महाव्यवस्थापक एस. जी. दीघे ने शुक्रवार को इस संबंध में एक नया एसओपी जारी की है।
यह एसओपी महाराष्ट्र, गोवा, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव के लिए लागू है। मुंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और प्रशासनिक समिति ने प्रत्येक जिले में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति और महाराष्ट्र और गोवा की बार काउंसिल की भूमिका को ध्यान में रखते हुए एक नई एसओपी का गठन किया।