अमर शहीद संत कंवरराम साहिब की मनाई वर्सी
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नागपुर। अमर शहीद संत कंवरराम साहिब के वर्सी उत्सव का आरंभ 1948 नागपुर में किया गया। भारतीय सिंधू सभा सांस्कृतिक मंच नागपुर की ओर से सिंधियत जो नादु नागपुर में इस कार्यक्रम की पहली कड़ी में संत कंवरराम साहिब वर्सी महोत्सव का आयोजन फेसबुक पर लाइव किया गया।
राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद के उपाध्यक्ष व भारतीय सिंधू सभा नागपुर घनश्याम कुकरेजा ने प्रस्तावना रखते हुए बताया कि भारतीय सिंधू सभा की पूरे देश में 350 शाखाएं सिंधी भाषा , संस्कृति सभ्यता की दिशा में कार्य कर रही है।
भगत कंवरराम सेवा मंडल के सौजन्य से आयोजित इस वेबीनार में भगत कंवरराम वर्सी महोत्सव समिति के संयोजक व भगत शखाराम के सुपुत्र अशोक कुमार कुकरेजा ने कहा कि भगत कंवरराम साहिब की वर्सी का आरंभ भगत शखाराम व भगत जेठानंद कुकरेजा ने 1948 में तीन नल चौक पर किया था, एक दिवसीय कार्यक्रम में उस समय 11 रुपये खर्च आया था।
भगत जेठानंद के सुपुत्र गोपीचंद कुकरेजा ने कहा कि गांधीबाग बगीचे में भव्य स्तर पर महोत्सव का आयोजन किया जाता था, देश सुप्रसिद्ध भजन गायक, संत महापुरुष सत्संग प्रवचन किया करते थे। हजारों श्रद्धालु अलग अलग शहरों से भी आते थे।
अब यह वर्सी महोत्सव सिंधू नगर मैदान में आयोजित किया जाता है। घनश्याम कुकरेजा ने बताया कि पूरी रात चलने वाले इस धार्मिक आयोजन के लिए विशेष बसें चलाई जाती थीं।भगत कंवरराम सेवा मंडल के अध्यक्ष अशोक कुमार केवलरामानी ने कहा कि भगत कंवरराम साहिब के नाम से गांधीबाग नागपुर में संत कंवरराम के नाम पर धर्मशाला है।
सेवा मंडल की ओर से समाज के जरूरतमंदों के लिए सेवा कार्य चलाए जाते हैं। इस कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध भजन गायक किशोर उदासी व अमृत मंधान ने संत कंवरराम के भजनों से समा बांधा। किशोर लालवाणी द्वारा लिखित व तुलसी सेतिया द्वारा निर्देशित नाटक सिंधुड़ीअ जो सरताज कंवर इस नाटक के उस दृश्य को दर्शाया गया जिसमें भगत कंवरराम की पारंपरिक भगत पर नृत्य किया करते थे।
वरिष्ठ रंगकर्मी डा. विजय मदनानी ने नाटक के संदर्भ में अपने विचार रखे तथा बचपन में देखी गई वर्सी के संदर्भ में भी अपने अनुभव बताये।कार्यक्रम का संचालन भारतीय सिंधू सभा अमरावती के अध्यक्ष तुलसी सेतिया ने किया।
भारतीय सिंधू सभा सांस्कृतिक मंच नागपुर के महासचिव राकेश मोटवानी ने आभार माना सफलतार्थ विशाल पंजाबी, मोहनीश वाधवानी, जगदीश वंजानी व राजेश स्वामनानी ने प्रयास किया।