करदाताओं के लिए नए साल का तोहफ़ा - आयकर रिटर्न की तारीख 6 वीं बार बढी
कोरोना काल में करदाताओं की टैक्स रिटर्न की डेडलाइन बढाना राहत भरा कदम : एड किशन भावनानी
गोंदिया। भारत में कोरोना महामारी के भयंकर प्रभाव से परेशानी झेल रहे करदाताओं की दिक्कत को ध्यान में रखते हुए व उन्हें सुविधा व राहत प्रदान करते हुए भारत सरकार वित्त मंत्रालय द्वारा प्रेस नोट रिलीज़ बुधवार दिनांक 30 दिसंबर 2020 को एक पत्र जारी कर विभिन्न प्रकार के श्रेणियों में आयकर वजीएसटी अदा करने वाले करदाताओं के लिए छठवीं बार उनके कर अदा करने की तारीखों के डेडलाइन में वृद्धि कर दी गई है।
सरकार द्वारा अपने दो पृष्ठों के एक पत्र द्वारा यह जानकारी दी गई है। पत्र में कहा गया है कि वित्त मंत्रालय ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2019 - 2020 में आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए घोषित की गई तारीख को आगे बढ़ा दिया है।
मंत्रालय ने तारीखों को इस प्रकार बढ़ाया है : करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न भरने की तय तारीख (उनके भागीदारों सहित) जिन्हें अपने खातों का ऑडिट कराना आवश्यक है जिनके लिए आयकर अधिनियम केअनुसार नियत तारीख 31 दिसंबर,2020 तक बढ़ा दी गई थी,अब वह तारीख 15 फ़रवरी, 2021 कर दी गई है।
करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न प्रस्तुत करने की नियत तारीख,जो अंतर्राष्ट्रीय/निर्दिष्ट घरेलू लेनदेन के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए आवश्यक है जिनके लिए अधिनियम के अनुसार नियत तारीख 31जनवरी, 2021 तक बढ़ा दी गई थी उसे 15 फ़रवरी, 2021 कर दिया गया है।
अन्य करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न प्रस्तुत करने की नियत तारीख [जिनके लिए अधिनियम के अनुसार नियत तारीख 31 जुलाई, 2020 थी]को बढ़ाकर 10 जनवरी, 2021 कर दिया गया है। अधिनियम के तहत टैक्स ऑडिट रिपोर्ट और अंतरराष्ट्रीय/ निर्दिष्ट घरेलू लेनदेन के संबंध में रिपोर्ट सहित विभिन्न ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करने की तिथि को भी 15 फरवरी, 2021तक बढ़ा दिया गया है।
कोविड - 19 के प्रकोप के कारण वैधानिक और विनियामक अनुपालन को पूरा करने में करदाताओं के सामनेआ रही चुनौतियों के मद्देनजर सरकार ने 31मार्च 2020 को कराधान और अन्य कानून (कुछ प्रावधानों के छूट) अध्यादेश, 2020 ('अध्यादेश') को पास किया था, जो अन्य बातों के साथ विभिन्न कर जमा करने की समय सीमाओं को आगे बढ़ाता है अध्यादेश को तब से कराधान और अन्य कानूनों ( कुछ प्रावधानों में संशोधन की छूट के साथ) अधिनियम द्वारा बदल दिया गया है।
सरकार ने अध्यादेश के तहत 24 जून 2020,को एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें अन्य बातों के साथ वित्त वर्ष 2019 - 20 (ए वाईआर 2020-21) के लिए सभी आयकर रिटर्न के लिए नियत तारीख को बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2020 कर दिया था। अब15 फरवरी कर दिया गया है।
जानकारी दी गई कि 29 दिसंबर 2020 तक 4.54 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न फाइल किए गए है जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 4.77 करोड़ था। विवाद से विश्वास योजना की भी तारीख बढ़ी - सरकार ने कर विवादों के निपटान के लिए लाई गई विवाद से विश्वास योजना को भी 31जनवरी 2021 तक बढ़ा दिया है,अब ऐसे लोग भी इस योजना के जरिए बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के योजना का लाभ ले सकते हैं, अधिकतर वेतनभोगी इस समय वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं. उन्हें भी फायदा हुआ है।
टैक्स में राहत - डायरेक्ट टैक्स असेसमेंट की डेडलाइन भी बढ़ाई गई है।अब इसे 31दिसंबर से बढ़ाकर15 फ़रवरी करदिया गया है। खासकर नॉन सैलरी वालों के लिए बहुत बड़ी राहत होगी,यानी प्रोफेशनल को रिफंड तुरंत दिया जाएगा छठिवी बार बढ़ाई आखिरी तारीख - सीबीडीटी ने आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख छठवीं बार बढ़ाई है।
वित्त वर्ष 2018 - 19 के लिए 31 मार्च 2020 तक आईटीआर दाखिल करना था तब इसे 30 जून तक बढ़ाया गया था। फिर इसे बढ़ाकर 31 जुलाई और इससे बाद 30 सितंबर 2020 कर दिया गया।फिर 30 नवंबर अब इसे छठवीं बार15 फ़रवरी 2021 तक आगे बढ़ाया गया है।
क्या है फाइनेंशियल ईयर और एसेसमेंट ईयर ? -
भले ही नया साल एक जनवरी से शुरू होकर 31 दिसंबर को खत्म हो जाता हो लेकिन इनकम टैक्स रिटर्न एक अप्रैल से शुरू होकर अगले साल 31 मार्च तक कमाई का हिसाब आप से लेता है। इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक यह समय फाइनेंशियल ईयर कहलाता है एक फाइनेंशियल ईयर में कमाई का टैक्स अगले फाइनेंशियल ईयर में लिया जाता है।
आसान शब्दों में कहें तो जिस साल आप कमाई करते हैं वह फाइनेंशियल ईयर कहलाता है,उसके अगले साल जब आप टैक्स भरते हैं तो वह उस साल के लिए एसेसमेंट ईयर कहलाता है। इसे उदाहरण से समझें-वित्त वर्ष 2019 - 20 में आपने जो कमाई की उस कमाई के टैक्स का आकलन 2020 - 21 में किया जाएगा। 2019 - 20 फाइनेंशियल ईयर होगा और 2020 - 21 उसका एसेसमेंट ईयर कहलाएगा।
समय पर अपना आयकर रिटर्न फाइल करने से निम्नलिखित फायदे हैं -
1) वित्त मंत्रालय ने देरी से आईटीआर फाइल करने पर लेट फीस वसूलने का प्रावधान है, आयकर की धारा 234A के तहत 15 फ़रवरी के बाद फाइल करने पर विभिन्न शर्तों और छूटों के साथ 10 हजार रुपया फाइन लगेगी।
2) आईटीआर देरी से फाइल करने पर जुर्माने के साथ साथ कर छूट भी नहीं मिलती और आयकर अधिनियम की धारा 10A, 10B, 80IA, 80IB,80IC, 80ID, 80IE सहित धारा 80 के अनेक छूट नहीं मिलती।
3) वित्त वर्ष 2019 - 20 के लिए अब 15 फ़रवरी,10 जनवरी 2021 तक फाइल करें।
4) बैंक लोन मिलने में आसानी - आयकर रिटर्न की शर्त रहती है।
5) वीज़ा के लिए जरूरी - आयकर रिटर्न मांगा जा सकता है।
6) आईटीआर रसीद एड्रेस प्रूफ के लिए काम आती है।
7) खुद के व्यापार के लिए जरूरी है जैसे कंस्ट्रक्शन हासिल के लिए आसानी।
8) ज्यादा पैसों का लोन लेने के लिए आईटीआर जरूरी।
9) ज्यादा बीमा करवाने के लिए भी बीमा कंपनियां आईटीआर मांगती है।सरकार ने वित्त वर्ष 2019 - 20 के लिए डिडक्शन के दो और विकल्प को सामने रखा है।ऐसे में अगर आप रिटर्न फाइल करने जा रहे हैं तो आप इसका फायदा उठा सकते हैं।
अगर आपने किफायती घर और इलेक्ट्रिक वीइकल खरीदा है, उस पर भी डिडक्शन का लाभ मिलता है। किफायती घर पर होम लोन के इंट्रेस्ट पेमेंट में 1.5 लाख का छूट अलग से मिलता है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक वीइकल खरीदने के लिए कार लोन पर इंट्रेस्ट पेमेंट में 1.5 की छूट मिलती है।
टैक्स भरने की डेडलाइन बड़ाने से व्यापारियों, प्रफेशनल्स, वेतनभोगी या अन्य करदाताओं को फायदा होगा। अभी कोरोना काल चल रहा है। इस समय हर चीज पर प्रतिबंध है। ऐसे में इनकम टैक्स रिटर्न के लिए जरूरी कागजात जुटाना भी कठिन कार्य है।
अधिकतर वेतनभोगी इस समय वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं।उन्हें भी फायदा हुआ है। वे अब रिटर्न दाखिल करने में देरी होने पर पेनाल्टी और डिफॉल्ट आदि होने से बच गए। देखा जाए तो इसके लिए अनेक लोगों ने सीबीडीटी से काफी रिक्वेस्ट किया था।सरकार ने सभकी बात मान ली,इसके लिए सभी संबंधित वर्ग वित्त मंत्रालय विभाग का आभारी हैं।
- एड किशन भावनानी, गोंदिया (महाराष्ट्र)
कर विशेषज्ञ