रंग और नूर की बारात...
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संगीतकार मदन मोहन के मधुर गीतों की प्रस्तुति
नागपुर। भारतीय संगीत क्षेत्र के लोकप्रिय संगीतकार मदन मोहन ने अपनी स्वतंत्र शैली में कई बॉलीवुड फिल्मों के लिए गीतों की रचना की है। उनके गीतों के विभिन्न रंग और धुन आज भी प्रशंसकों के मन में मौजूद हैं। इनमें से कुछ मधुर गीत गुरुवार को हार्मोनी इवेंट्स द्वारा प्रस्तुत किए गए। इस सदाबहार गीतों की बारिश में रसिक भीग गए।
हार्मोनी इवेंट्स और शिव इवेंट्स ने संयुक्त रूप से संगीतकार मदन मोहन द्वारा रचित गीतों का कार्यक्रम गुरुवार को 'द लीजेंड मदन मोहन' शीर्षक के तहत आयोजित किया। हार्मोनी इवेंट्स के फेसबुक पेज पर प्रस्तुत, इस कार्यक्रम की परिकल्पना निर्देशक राजेश समर्थ ने की थी और कार्यक्रम का मंचसंचालन श्वेता शेलगांवकर ने अपने अनूठे अंदाज में किया।
इस कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण सारेगामापा विजेता आकांक्षा देशमुख, गायक राजेश दुरूगकर और राइजिंग स्टार फेम स्वस्तिका ठाकुर थे। आकांक्षा ने कार्यक्रम की शुरुआत जरासी आहट होती है इस लोकप्रिय गीत से की। बैय्या ना धरो, अगर मुझसे मोहब्बत, बेताब दिल की, जैसे एक से बढकर -एक बेहतरीन गीतों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
राजेश दुरूगकर ने रंग और नूर की बारात, तुम जो मिल गये हो, फिर वोही शाम, तुम्हारी जुल्फ के आये में, सिमटी सी शरमाई सी जैसे रंगारंग गीतों की प्रस्तुति दी। स्वस्तिका ठाकुर ने रुके रुके से कदम, है तेरे साथ मेरी वफा, आपकी नजरों से, रस्में उल्फत को आदि गीतों को प्रस्तुत क र दर्शकों को संतुष्ट किया। इन गायकों ने कई शानदार युगल गीत भी प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम का समापन स्वस्तिक ने लग जा गले के फिर इस गीत के साथ किया। कार्यक्रम को शिव इवेंट्स के संचालक शिव राज इनका विशेष तौर से योगदान मिला .कीबोर्ड पर परिमल जोशी, गिटार पर ऋग्वेद पांडे, तबले पर पंकज यादव, साइड रिदम पर राजेश धमनकर और ऑक्टोपॅड पर अक्षय हर्ले ने गायकों को बेहतरीन संगत दी। कार्यक्रम की सफलता के लिए हर्षल पराते, मनोज पिदडी और सुनील बोम्बाले ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।