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राघव पोदार 'मोस्ट इम्पैक्टफुल स्कूल लीडर' अवार्ड से सम्मानित




पोदार वर्ल्ड स्कूल के चेयरमैन की उपलब्धि

नागपुर। एक संस्थान जो मुंबई में वर्ष 1927 में शुरू हुआ था। अब सर्पूण देश में इस स्कूल के होने की चर्चा तब शुरू हुई जब पोदार एजुकेशन के अध्यक्ष राघव पोद्दार को भारतीय प्रिसिपल नेटवर्क फाउंडेशन द्वारा मोस्ट इंपैक्टफुल स्कूल लीडर का पुरस्कार मिला। 

इस अवसर पर हमारे साथ राघव पोदार के साथ हुए साक्षात्कार हुए, कि वह एक क्रांतिकारी शिक्षक होने के रूप में क्या सोचते हैं और उसे आगे बढ़ाने के लिए उन्हें क्या प्रेरित करता है। तब श्री पोदार ने कहा, मैं यह पुरस्कार स्वीकार करने के लिए उत्सुक हूं। लेकिन इसका श्रेय मेरी टीम को जाता है। जो हमारे छात्रों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए पूरे दिन लगन के साथ समर्पित होकर काम करती है। 

मैं सिर्फ उनकी ओर से पुरस्कार स्वीकृत करता हूं। आगे वह कहते हैं कि एक कप्तान के रुप में वह तभी उत्तम है जब उसकी संपूर्ण टीम उत्तम होगी। हम एक टीम के रूप में आने वाली चुनौतियों के लिए बहुत अनुकूलनीय और फुर्तीले हैं, ताकि हम अपने और अपने छात्रों में 21 वीं सदी के कौशल का विकास कर सकें। हमने छात्रों की क्षमताओं में निपुणता लाने पर बल दिया है। 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के शुभारंभ के साथ, यह दिखाता है कि भारत चूहे की दौड़ को जारी रखने के बजाय कौशल और विकास पर आधारित शिक्षा की ओर बढ़ रहा है और मैं हमेशा इस बदलाव को लाने के लिए बहुत मुखर रहा हूं। राधव पोदार, जो पोदार शिक्षा की 93 साल पुरानी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं और महात्मा गांधी के मूल्यों को जारी रखते हैं, जो पहले पोदार ट्रस्ट के अध्यक्ष थे, साथ ही यह भी जोड़ा कि कोई भी योग्य पुरस्कार न केवल मान्यता के रूप में कार्य करता है, बल्कि इससे भी महत्वपूर्ण यह एक जिम्मेदारी है कि उत्कृष्टता के लिए उत्कृष्टता कि लालसा बनी रहनी चाहिए। चाहे मन कितना भी अशांत क्यों न हो।

वे कहते हैं, 'अनिश्चितता के एक साल में, इस वर्ष को बहुत ही कठिनाइयों भरा कहा जा सकता था, और यह भी कह सकते थे कि इन घटनाओं के बीच विकास संभव नहीं है। वे ऐसे दृष्टिकोण विकास के लिए कोई उद्देश्य नहीं रखते हैं, क्योंकि कठिनाई एक बहाना है जिसे इतिहास कभी स्वीकार नहीं करता है'। श्री पोदार आगे कहते हैं, 'प्रतिकूलताओं में समृद्ध समय के दौरान स्वाभाविक रूप से निहित प्रतिभाओं को पहचानने की क्षमता होती है। 

एक संकट से बेहतर कोई समय नहीं है जो हमें आगे बढ़ने के लिए मजबूर करता है और हमे अल्पविकसित प्रयाओं के बोझ से उबारता है। हमारी टीम ने न केवल हमारे छात्रों बल्कि उनके माता - पिता का भी ध्यान रखा है। हमने अपने छात्रों के परिवारों के लिए उन्हें स्वस्थ और तंदुरुस्त रखने के लिए ऑनलाइन योग, जुम्बा, नृत्य कक्षाएं संचालित की हैं। मेरा मानना है कि हमने वर्ष 2020 में अपनी क्षमताओं को पहचाना है। 

राधव पोदार, जिन्हें वर्ष 2016 में थाईलैंड के उप प्रधानमंत्री द्वारा ग्लोरी ऑफ इंडिया अवार्ड से सम्मानित किया गया था, अब वर्ष 2021 में वे अपने छात्रों, उनके माता - पिता और उनकी टीम के लिए और भी अधिक विकास करने के लिए तैयार हैं।

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