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अब आरटीओ कार्यालय में लाइसेंस बनवाने निर्णय देने थर्ड अंपायर !



नागपुर। व्हीकल ट्रायल के लिए नागपुर आरटीओ में कंप्यूटराइज्ड व्हीकल ट्रैक बनाया जा रहा है. इसमें सेंसर लगा रहेगा. इससे गुजरने वाले की हर हरकत की मॉनिटिरंग कंप्यूटर करेगा. लाइसेंस बनवाने वाले अभ्यर्थी की गाड़ी इसी खास ट्रैक से गुजरेगी. जहां भी कमी होगी, वहीं पर बीप बजेगी और उसको मिलने वाले प्वाइंट में कटौती हो जाएगी. 

आरटीओ कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए वाहन चालक को और कठिन परीक्षा देनी होगी. खास बात यह है कि इससे समय की भी बचत होगी और पारदर्शिता भी बनी रहेगी. इस परियोजना पर करीब डेढ़ करोड़ रुपए का खर्च आएगा. पुणे, पिंपरी चिचवाड़ा व बारामती में इसी तरह की प्रणाली से काम हो रहा है. 

स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आरटीओ कार्यालय परिसर में बने ट्रैक पर गाड़ी चलाकर परीक्षा देनी पड़ती है. दोपहिया वाहनधारकों के लिए आठ नंबर के आकार का ट्रैक बनाया गया है. वहीं चार पहिया वाहनों के लिए पार्किंग से लेकर चढ़ाई व ढलान वाले ट्रैक बनाए गए हैं. आरटीओ इंस्पेक्टर को परिसर में आकर वाहन चालकों की परीक्षा लेने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ती है. 

गाड़ी पर नजर रखने के साथ ही नियमों का ख्याल रखना आसान नहीं होता, कई बार वाहन चालक की गलती समझ में नहीं आती. साथ ही, कई बार तो इंस्पेक्टर और वाहन चालक के बीच विवाद की स्थिति हो जाती है. यही नहीं, कई बार तो जानबूझकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए कमियां निकाल दी जाती हैं. 

सबकुछ ठीक - ठाक रहा तो इससे अब मुक्ति मिल जाएगी. वर्तमान में राज्य के 59 आरटीओ कार्यालयों में पुणे, पिंपरी चिचवाड़ा व बारामती में इस तरह की प्रणाली से काम हो रहा है। कहने का मतलब यह है कि जैसे क्रिकेट मैच में खेल के दौरान थर्ड अंपायर निर्णय लेता है उसी तरह आरटीओ कार्यालय में भी थर्ड अंपायर का कार्य शुरू हो जाएगा।

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