पालको ने भरी यलगार
7 फरवरी को को सविंधान चौक पर करेंगे प्रदर्शन
शिक्षा एक अधिकार है - ना की व्यापार
नागपुर। सरकार द्वारा कोविड काल में मनमानी फ़ीस लेने पर शिक्षा संचालको फ़ीस बढाकर या 100 प्रतिशत फ़ीस लेने पर रोक लगायी हैं। उसके बावजूद निजी संचालक पालको को मनमानी फ़ीस मांगने का नोटिस भेज रहे है। फ़ीस नहीं देने पर छात्रों का भविष्य बर्बाद करने की धमकी दे रहे है।
आज तारीख 28 जनवरी को जय जवान जय किसान कार्यालय बजाज नगर में छात्र के पालक संघटना की सभा सम्पन्न हुई।
सभा में जागरूक पालक समिति, विदर्भ पैरेंट्स असोसिएशन, जय जवान जय किसान संघटना, आम आदमी पार्टी, विदर्भ राज्य आघाडी, लोक जागृति मोर्चा आदि संघटनाओ की बैठक अरुण बनकर की अध्यक्षता में सभा सम्पन्न हुई।
1) कोविड काल में पूरी फ़ीस लेना बंद करो, 25 प्रतिशत फ़ीस देने को पालक तैयार है। अन्तः मांग मंजूर करो।
2) पालको का आर्थिक और मानसिक शोषण बंद करो।
3) ऑनलाइन शिक्षा की फ़ीस सामान्यता 25 प्रतिशत से ऊपर नहीं होनी चाहिये फ़ीस न भरने पर छात्रों की शिक्षा रोकना संविधान के खिलाफ है।
4) स्कूल चालूकर छात्रों को कोविड १९ के तहत उनके पूरी सुरक्षा उपायों को स्कूलो द्वारा अमल में लाना चाहिए। और स्कूल व प्रशासन ने बच्चो की पूरी जिम्मेदारी लेना चाहिए
5) शिक्षा यह अधिकार है। यह संचालको का विशेषाधिकार नहीं। इस सवैधानिक मूल्यों का स्वीकार किया जाये।
सभा में सर्वसम्मितिसे निर्णय लिया गया की 7 फरवरी को सविंधान चौक पर पालक अपने जायज मांगो के लिए दोपहर 12 से 3 बजे धरना प्रदर्शन करेंगे। सभी पालको से तथा सभी पालक सघटना से निवेदन है की बड़ी संख्या में उपस्थित रहकर अपने बच्चे के सुनहरे भविष्य के लिए आवाज बुलंद करे।
इस मीटिंग में संदीप अग्रवाल, भवानीप्रसाद चौबे, नितिन नायडू, संजय शर्मा, योगेश मानके, श्याम धींगरा, राजेश गायकवाड़, प्रशांत पवार, नगरसेवक दुनेश्वर पेठे, सूरेश वर्षे, अरुण बनकर, मिलिंद महादेवकर आदि उपस्थित थे।