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आग लगने से १० नवजात शिशुओं की मौत




गृहमंत्री ने स्थिति का लिया जायजा


भंडारा। विदर्भ के भंडारा के जिला अस्पताल में शुक्रवार देर रात २ बजे महाभयंकर हादसा हुआ। रात दो बजे भंडारा के जिला अस्पताल के बीमार नवजात देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में आग लगने से १० नवजात शिशुओं की मौत हो गई। यूनिट से ७ शिशुओं को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जाहिर किया है। उन्होंने इसे हृदय विदारक हादसा करार दिया। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी इस घटना को लेकर दुख जताते हुए मामले की उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं। उधर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस हादसे को दर्दनाक बताया। उन्होंने राज्य सरकार से अपील की है कि वह मृतकों और घायलों के परिजनों को हरसंभव मदद मुहैया कराएं।  

अस्पताल में बच्चों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी दुख जताया है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे, जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से इस हादसे को लेकर बातचीत की। साथ ही, मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। ईश्वर उन्हें यह असहनीय दुख सहने की शक्ति दे।  

बताया जा रहा है कि इन बच्चों की उम्र एक दिन से लेकर तीन महीने तक थी। अस्पताल की एक लापरवाही ने इन बच्चों की जान ले ली। जानकारी के मुताबिक आईसीयू वार्ड में कुल १७ बच्चे मौजूद थे जिनमें से सात को ही बचाया जा सका। बताया जा रहा है कि ड्यूटी पर मौजूद नर्स ने रात करीब दो बजे वार्ड का दरवाजा खोला तो अंदर धुआं ही धुआं था। उसने तुरंत अधिकारियों को इस बारे में बताया। इसके बाद मौके पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुंची और आग पर काबू पाया लेकिन तब तक १० मासूमों की जिंदा जलकर मौत हो गई थी। 

आग लगने की वजह अभी तक सामने नहीं आई है। सूत्रों के मुताबिक, इसकी वजह शॉर्ट सर्किट हो सकती है। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने भी इस हादसे पर दुख जाहिर किया। इस दौरान उन्होंने हादसे में जान गंवाने वाले बच्चों के परिजनों को पांच - पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का एलान किया। इस हादसे को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा के नेता विपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने सूत्रों ने बताया कि शनिवार रात २ बजे भंडारा के जिला सामान्य अस्पताल के आउट बोर्न यूनिट से धुआं निकलता हुआ दिखाई दिया। नर्स ने दरवाजा खोलकर देखा तो धुआं ही धुआं नजर आया। नर्स ने अधिकारियों को सूचित कर दमकल विभाग को घटना की जानकारी दी। इस एसएनसीयू मध्ये दो यूनिट हैं। इनमें से मॉनिटर में भर्ती ७ बच्चों को बचा लिया गया जबकि अन्य यूनिट के १० बच्चे आग में भस्म हो गए। भंडारा में हुए दर्दनाक हादसे की जांच करने के निर्देश गृहमंत्री अनिल देशमुख ने पुलिस को दिए हैं। 

उन्होंने घटना को बेहद दुर्भाग्यजनक करार दिया। अनिल देशमुख आज दोपहर भंडारा जाकर घटनास्थल का जायजा लिया हैं। इस हादसे में मृत बालकों के परिजनों के राज्य सरकार की ओर से प्रति बालक ५ लाख रुपये की मदद घोषित की गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार १० में से ७ बच्चों कमी मौत धुएं के कारण दम घुटने से हुई जबकि ३ बालकों की झुलसने से मौत हो गई। मृत बालकों का पार्थिव शरीर उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। जांच में दोषी पाए जाने पर कठारेर कार्रवाई करने तथा भविष्य में इस प्रकार की घटना न हो इसका ध्यान रखने की जानकारी टोपे ने दी।  आडिट करने के निर्देश : उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी उक्त हादसे को लेकर तीव्र दुख जताया है। उन्होंने राज्य के सभी अस्पतालों के शिशु दक्षता विभागों का तत्काल आइिट करने के निर्देश संबंधितों को दिए हैं।
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