आरिणी साहित्य समिति का देशभक्ति गीतों का भव्य आयोजन
हमारे 72 वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में 26 जनवरी 2021 को आरिणी साहित्यिक समूह ने फेसबुक लाइव के माध्यम से फिल्मी और स्वरचित देशभक्ति गीतों का कार्यक्रम सम्पन्न किया। दोपहर 1 बजे से 4 बजे तक चलने वाले इस लाइव कार्यक्रम में प्रतिभागियों द्वारा एक से एक प्रस्तुतियाँ देकर समा बाँध दिया गया।
इसमें लगभग 50 लोगों ने हिस्सा लिया। क्रायक्रम का प्रारंभ समूह के संरक्षक आदरणीय अनिल कुलश्रेष्ठ जी के स्वागत उद्बोधन से हुआ जिसमें उन्होंने बड़े ही सरल शब्दों में गणतंत्र का महत्व और उसका अर्थ बताते हुए सभी प्रतिभागियों का समूह की ओर से स्वागत किया।
कार्यक्रम में अधिक प्रतिभागी होने से इसे 5 समूहों में बाँटा गया था जिसके संयोजक क्रमशः आदरणीय रेणुका सिंह जी(गाज़ियाबाद), राजेन्द्र यादव 'कुँवर'(बड़ा मलहरा),प्रेक्षा सक्सेना (भोपाल),रचना श्रीवास्तव जी (जबलपुर), विनीता श्रीवास्तव(जबलपुर) और सुषमा व्यास जी (इंदौर) थे। कार्यक्रम का प्रारंभ समूह एक की प्रतिभागी निशि श्रीवास्तव जी(लखनऊ) के गीत "छोड़ो कल की बातें,कल की बात पुरानी से हुआ", उसके बाद सभी ने एक से एक गीत सुनाए।
इस क्रम में इंद्रजीत विरल जी (खजुराहो) ने स्वरचित, शेफालिका श्रीवास्तव (भोपाल) ने स्वरचित, डॉ शशिकला अवस्थी जी ने स्वरचित ,रानी नारंग जी ने स्वरचित,जनक कु.बघेल जी ने स्वरचित, मित्रा शर्मा (इंदौर) ने जहां डाल डाल पर सोने की चिड़िया,नीलू सक्सेना (देवास) ने स्वरचित, डॉ आशा श्रीवास्तव जी ने स्वरचित, डॉ भंवरछाया मालवीया जी (हैदराबाद) ने स्वरचित, निवेदिता श्रीवास्तव जी ने स्वरचित, जया आर्य ने इंसाफ़ की डगर पर
,विनीता श्रीवास्तव जी (जबलपुर) ने स्वरचित गीत देश की माटी का हम पूजन करें अर्चन करें, राष्ट्र की स्वर्णिम धरा का मिल के अभिनंदन करें, डाॅ पुष्पा गुप्ता (मुजफ्फरपुर, बिहार) ने (स्वरचित) हे भारत के वीर सपूतों तेरे ही कारण आजाद है वतन,भारत माँ के रणबांकुरे शत-शत तुम्हें नमन,मधु सक्सेना जी ने स्वरचित प्यारी जन्मभूमि, मेरी प्यारी जन्मभूमि, साधना श्रीवास्तव जी ने स्वरचित गीत गणतंत्र दिवस के पर्व पर हमको यह बतलाना है,
हमें मिले अधिकार बहुत पर कर्तव्य याद दिलाना है,डा अँजुल कँसल "कनुप्रिया" ने स्वरचित - हम भारत माँ के वीर जवान, समूह डॉ. अर्चना श्रीवास्तव जी ने ए मेरे प्यारे वतन,ऐ मेरे बिछड़े चमन, डॉ सुधा चौहान राज जी(इंदौर) ने स्वरचित मेरा गणतंत्र महान वंदे मातरम ,यह है देश की शान वंदे मातरम,बबली राठौर जी ने स्वरचित सरहद परदेखे ना सुख देश खातिर हम सभी जवान बैठे सरहद पर ले शान हम सभी जवानआशा जाकड़ जी (इंदौर) ने (स्वरचित गीत) "भारत है गणतंत्र वन्दे मातरम् करते इसे प्रणाम वन्दे मातरम्",
नूतन गर्ग जी ने स्वरचित गीत इतिहास गा रहा है, दिन रात गुण हमारा दुनिया के लोग सुन लो, यह देश है हमारा, डॉ मंजू गुप्ता जी (नवी मुंबई) ने स्वरचित गीतआजादी का बिगुल बजा कर प्राणों को वारा सीमाओं पर जाकर दुश्मनों को ललकारा, डॉ. औरीना अदा जी (भोपाल) ने मैं रहूं या न रहूं भारत ये रहना चाहिए,अनु गंगवाल जी(नई दिल्ली) ने ऐ वतन मेरे आबाद रहे तू,प्रमिला झरबड़े जी (भोपाल)ने ऐ मेरे वतन के लोगो जरा आँख में भर लो पानी,
रवीन्द्र वर्मा जी (आगरा) ने स्वरचित गीत - चन्दन माटी मातृभूमि की पावन रज को सिर धारें, मंजू सक्सेना जी ने भारत महान मेरा वतन मेरी शान है, मैं जिस्म हूँ ये जाँ मेरी हिन्दोस्तान है,स्वरचित आशा वडनेरे जी ने स्वरचित गीत देश हमारा प्यारा है,झँडा इसका न्यारा है,ममता तिवारी जी (इंदौर) ने गीत जग में बाजे एक ही डंका मेरा भारत महान है स्वरचित गीत,
कवि आशीष कुमार पांडेय जी ने स्वरचित गीत हूँ ऋणी मैं आज अपने भारत का,शोभारानी तिवारी जी(इंदौर)ने स्वरचित गीत विश्वास तुम रखना मैं लौट के आऊँगा, कर्नल डॉ गिरिजेश सक्सेना जी (भोपाल) ने ओजपूर्ण वाणी में फिल्मी गीत ,जिज्ञासा शर्मा जी (अफ्रीका) ने स्वरचित गीत, मनीष श्रीवास्तव 'बादल'जी (भोपाल) ने कुछ स्वरचित सार्थक दोहे भारत ने सीखा बहुत,बरसों करके भूल फूल मिले तो फूल दो शूल मिले तो शूल प्रस्तुत किया।
पूरे कार्यक्रम के दौरान समूह की अध्यक्ष डॉ मीनू पाण्डेय 'नयन' जी का प्रोत्साहन प्रतिभागियों को मिलता रहा और अंत मे उन्होंने भी अपना स्वरचित देशभक्ति गीत ' चलो आज मिलकर नया इतिहास रचाया जाए' सुना कर कार्यक्रम में चारचाँद लगा दिए। अत्यंत ऊर्जावान और हँसमुख समूह की उपाध्यक्ष आदरणीय सुषमा व्यास 'राजनिधि' (इंदौर) ने अपने स्नेहिल आभार प्रदर्शन और भारतीय सेना की जय करते हुए कार्यक्रम का समापन किया।