गर्मी के दिनों में सावधानी रखकर स्वास्थ्य लाभ हेतु करें उपाय योजना
नागपुर। किसी भी स्थिति में बगैर कुछ खाएं घर मे न निकले। खुले शरीर बाहर न निकले, टोपी या गमछा पहने, कानों को ढंककर रखे और आखों पर धूप का चश्मा जरुर लगाएं। एसी से निकलते ही एकदम धूप या गर्मी में न जाएं। ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं, जिससे पसीना आकर शरीर का तापमान नियमित निर्धारित हो सके तथा शरीर में जल की कमी न हो। प्रतिदिन प्याज खाएं और साथ में भी रखें। अधिक गर्मी में मौसमी फल, फलों का रस, दही, मट्ठा, जीरा छाछ, जलजीरा, लस्सी, आम का पना पिएं या आम की चटनी खाएं। हल्का व शीघ्र पचने वाला भोजन करें। नरम, मुलायम, सूती कपडे पहनें जिससे हवा और कपडे शरीर के पसीने को सोखते रहे। तली हुई या मसालेदार चीजों से दूर रहें, यह आपका पेट खराब कर सकती है। समय - समय पर आवश्यकता के अनुसार ग्लुकोज का सेवन करते रहे और अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल अनावश्यक न करें।
- किन धातु के बर्तनों में खाना पकाएं :
पीतल : यह नमक और अम्ल के साथ प्रतिक्रिया करता है, इसलिए खट्टी चीजों का अधिक नमक वाली चीजों को इसमें पकाकर खाना नहीं चाहिए, अन्यथा फूड पॉयजनिंग हो सकती है।
तांबा : के बर्तनों का उपयोग भी पुराने जमाने से किया जाता रहा है, और यह भी पीतल की तरह ही अम्ल और नमक के साथ प्रतिक्रिया करता है। कई बार पकाए जा रहे भोजन में मौजूद ऑर्गेनिक एसिड बर्तनों के साथ प्रतिक्रिया कर ज्यादा कॉपर पैदा कर सकते हैं, जो नुकसानदायक हो सकता है।
एल्युमीनियम : एल्युमीनियम के बर्तनों का इस्तेमाल लगभग हर घर में होता ही है। गर्मी मिलने पर एल्युमीनियम के अणु जल्दी सक्रिय होते हैं और एल्युमीनियम जल्दी गर्म होता है। एल्युमीनियम के बर्तन में खाना पकाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इसमें खटाई या अम्लीय सब्जियों चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
स्टेनलेस स्टील : यह एक मिश्र धातु है जो लोहे में कार्बन, क्रोमियम और निकल मिलाकर बनाई जाती है। इसमें खाना पकाने या बनाने में सेहत को कोई नुकसान नहीं होता। इन बर्तनों का तापमान बहुत जल्दी बढ़ता है।
लोहा : भोजन पकाने और खाने के लिए लोहे के बर्तनों का उपयोग हर तरह से फायदेमंद होता है। इन बर्तनों में पकाएं गए भोजन में आयरन की मात्रा अपने आप बढ़ जाती है और आपको उसका भरपूर पोषण मिलता है।
नॉन स्टिक : नॉन स्टिक मतलब होता है, न चिपकने वाला। अर्थात ऐसे बर्तन जिनमें खाना चिपकता नहीं है और पकाने के लिए अधिक तेल या घी की आवश्यकता भी नहीं पड़ती।
लौकी के फायदे :
लौकी को हल्की सब्जियों में गिना जाता है। इसे खाने से पेट में भारीपन नहीं रहता, बल्कि यह शरीर में ताजगी बनाए रखने में सहायक है।
- वजन कम
लौकी का सबसे बड़ा फायदा है यह आपका वजन बहुत जल्दी कम करने में सहायक होती है।
- पाचन
लौकी पाचन संबंधी समस्याओं का उत्तम इलाज है, साथ ही यह एसिडिटी में भी लाभप्रद है। लौकी को अपने भोजन में शामिल करने से पाचनक्रिया को बेहतर किया जा सकता है।
- डायबिटीज
डायबिटीज के मरीजों के लिए लौकी का सेवन एक प्रभावकारी उपाय है। डायबिटीज में खाली पेट लौकी का सेवन करना बेहतर होता है।
- यूरिनरी डिसऑर्डर
यूरिनरी डिसऑर्डर अर्थात मूत्र संबंधी समस्याओं में भी लौकी बेहतर कारगर उपाय है। यह शरीर में सोडियम की अधिकता को कम करने में सहायक है, जो यूरिन के जरिए बाहर निकल जाता
- नैचरल ग्लो
लौकी का प्रतिदिन सेवन करने से त्वचा में प्राकृतिक चमक आती है, और वह आकर्षक दिखाई देती है।
- कोलेस्ट्रॉल
लौकी को भोजन में शामिल करने से हानिकारक कोलेस्ट्रॉल बहुत आसानी से धीरे-धीरे कम होने लगता है, जिससे हृदय संबंधी या कोलेस्ट्रॉल से होने वाली अन्य समस्याएं नहीं होती। लौकी में भरपूर मात्रा में डायट्री फायबर, विटामिन - ए, विटामिन - सी, थायमिन, राइबोफेविन, विटामिन - बी ३, बी ६, मिनरल्स, कैल्शियम, आयरन, मैग्नेशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, सोडियम और जिंक पाया जाता है, जो आपको स्वस्थ बनाए रखता है।
- दीपक लालवानी
500, रेसीडेन्सी रोड,
सदर, नागपुर-440001