मजदूर नेता कामरेड अनिल ढोकपांडे की भारतीय जीवन बीमा निगम से सेवानिवृत्ति
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लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया'
नागपुर : wziea के जुझारू, आक्रमक एवं गतिशील अध्यक्ष कामरेड अनिल ढोकपांडे दिनांक 30 जुन 2021 को निगम की सेवा से सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार में 7 जुन 1961 को जन्म लिए उनकी पूरी पढाई नागपुर में हुई।वर्ष 1980 में इंजिनियर बनने की अदम्य इच्छा व काबिलियत तथा कराड के इंजिनियरींग कॉलेज में दाखिला और MBBS के लिए नागपुर के इंदिरा गांधी मेडीकल कॉलेज में भी प्रवेश सुनिश्चित होने के बावजूद उस समय की घरेलू एवं आर्थिक परिस्थिति के कारण यह संभव नहीं हो सका।
नागपुर के सर्वश्रेष्ठ महाविद्यालय इंस्टीयूट ऑफ सायन्स से उन्होने सांख्यिकी में Bsc तथा बाद में Msc के लिए पढाई शुरू की के साथही नागपुर के पास स्थित कलमेश्वर में एक निजी कंपनी जहाँ गैस सिलेंडर का निर्माण होता हैं उस कोसन मेटल प्रोडक्ट में गुणवत्ता नियंत्रण अधिकारी के पद पर 1983 से 1985 तक कार्य किया।
वर्ष 1985 में उनका चयन निगम में सहायक पद के लिए हुवा लेकिन अचानक लगे स्टे के कारण उन्हें 1986 में शाखा साकोली में अस्थाई सहायक के पद पर कार्य करना पडा (इसके चलते Msc नही कर पाए) और वर्ष 1987 में वे नियमित हो सके।
कामरेड ढोकपांडे के पिता स्व.गोविंदराव जो कि केंद्रीय सरकार के टेलीफोन विभाग में सुपरवाइज़र पद पर कार्यरत थे, श्रमसंगठन से नजदीक से जुड़े रहे और उनका गहरा प्रभाव उनपर रहा। पूर्व की अच्छी खासी आमदानी वाली नौकरी छोड़ एलआईसी की नौकरी में आना इसमें उनके पिता की दूरदर्शिता स्पष्ट हुई हैं क्योंकि आज उस कंपनीका नामोनिशान नही है।
अपने पिता, उस दौर के aiiea के महान नेतृत्व कामरेड पाटने जैसो के सानिध्य में उन्होने स्वयं को निखारा व 1989 में वे साकोली शाखा इकाई के सचिव बने। वर्षे 1991में नागपुर स्थानांतरीत होकर आने के बाद वे 1993में Ndliceu कार्यकारिणी सदस्य व 1994 में सहकोषाध्यक्ष बने। वर्ष 1995 Ndliceu के द्वारा आयोजित wziea के द्विवार्षिक महासम्मेलन के आयोजन में उन्होने अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देकर संगठन को आर्थिक संकट से उभारकर सुदृढ़ स्थिति में लाकर स्थापित किया और वर्ष 1996 में कोषाध्यक्ष का पद संभालकर और अधिक बुलंदियों पर पहुंचाया।
चंद्रपुर में 16 फरवरी 2004 को संपन्न Ndliceu के महासम्मेलन में वे महासचिव चुने गए। अपने कार्यकाल में उन्होने 2005 में aiiea सचिव मंडल की बैठक व 2014 में aiiea का ऐसा ऐतिहासिक, शानदार और रंगारंग त्रैवार्षिक महासम्मेलन का आयोजन किया जिसकी चर्चा आज भी होती हैं। wziea के नादियाड सम्मेलन ने उन्हें अध्यक्ष चुना जो नागपुर के लिए गौरव का क्षण रहा। वर्ष 2020 को विशाखापत्तनम के aiiea महासम्मेलन में वे Aiiea के उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए।
कामरेड पाटने, कामरेड टी के चक्रवर्ती जैसे महान नेतृत्व की परंपरा मिले नागपुर जैसे विशाल मंडल की अगुवाई करना इतना आसान नहीं होता परंतु aiiea की सीख व अदम्य इच्छाशक्ति के बलबुते उन्होने Ndliceu का परचम सदैव लहराए रखा। नागपुर के बिरादराना श्रम संगठनों के साथ उचित तालमेल बनाकर उन्होने कई महत्वपूर्ण आंदोलनो को अंजाम तक पहुंचाया।
सिर्फ जोन ही नहीं अपितु पूरे देश के विशेषकर सेंट्रल जोन से चिकित्सा उपचार के लिए नागपुर पधारे साथियों एवं परिवार के ठहरने की व्यवस्था भी उन्होने की जिसकी प्रशंसा की जाती रही। मंडल की समस्या व स्थानांतरण आदि पर प्रबंधन के साथ सार्थक व सकारात्मक बातचीत करने में उन्हें कमाल की महारत हासिल थी जिसके चलते आजतिथी तक मंडल में साथियों का स्वैच्छिक स्थानांतरण संभव हो सका हैं।
कामरेड ढोकपांडे द्वारा किए कार्य व प्राप्त सफलता की बातें उनके परिवार के योगदान का उल्लेख किए बगैर अधुरी रह जाएगी।उनकी धर्मपत्नी श्रीमती ललिता जो की गृहिणी है व पुत्री कुमारी अनुराधा जो Bfarm के अंतिम वर्ष के लिए अध्ययनरत है, कामरेड ढोकपांडे के मजदूर आंदोलन के संघर्षमय राह के हमराही है जिनको हम तहे दिल से धन्यवाद देते हैं।
हम सब नागपुर मंडल, जोन व समुचे देश के Aiiea के साथी कामरेड अनिल ढोकपांडे को सुखी, आनंदमय व क्रियाशील सेवानिवृत्तिपर जीवन की शुभकामनाएं देते हैं। हमें पूर्ण विश्वास हैं कि वे आगे भी मजदूर आंदोलन को मजबूत नेतृत्व प्रदान करते हुए हमारे मार्गदर्शक बने रहेंगे।
कामरेड ढोकपांडे को लाल सलाम।
'माना के राह में कांटे है बहुत, पांव छलनी हो जाएंगे चलते चलते।
मगर पीछे मुड़कर देख साथी, लोग मिलेंगे तुझे कारवां से जुड़ते हुए'।
- पी. वी. मिलिंदकुमार
पूर्व अध्यक्ष
नागपुर विभागीय जीवन बिमा कर्मचारी संगठन, नागपुर