बाल संसद से आरंभ हुआ विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान का रजत समारोह
नागपुर/पुणे। विश्व की सुप्रतिष्ठित स्वैच्छिक हिंदी प्रचार प्रसार संस्था 'विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान, प्रयागराज (उ.प्र.) अपने कार्यकाल के पचीस वर्ष पूर्ण करने के उपलक्ष्य में त्रिदिवसीय आभासी रजत समारोह का आयोजन किया गया है।
समारोह का पहला दिन 'बाल संसद' से आरंभ हुआ। इस अवसर पर बाल मुख्य अतिथि चि. ध्रुव मुद् गल, श्योपूर, म.प्र., चि. शुभ द्विवेदी, प्रयागराज की प्रमुख उपस्थिति रही। कु. जिया खान, पुणे ने अध्यक्षता की। बाल संसद में 'आॅक्सिजन' की उपयोगिता पर परिचर्चा, काव्य पाठ, गीत गायन आदि सांस्कृतिक उपक्रमों का समावेश रहा है।
समारोह का आरंभ कु.स्वरा त्रिपाठी, लखनऊ की सरस्वति वंदना से हुआ। स्वागत नृत्य कु. सानिका कुलकर्णी व कु. नयना देशमुख, औरंगाबाद, महाराष्ट्र ने प्रस्तुत किया। देश - विदेश से जुडे बाल कलाकारों ने अपनी अभिनव प्रस्तुति से सभी को मोहित कर लिया। काव्य पाठ में कु. अनिशा देशपांडे, कु. खुशी वानखेडे, औरंगाबाद, महाराष्ट्र, अथर्व श्रीवास्तव, सुलतानपुर, प्रिया श्रीवास्तव उ.प्र., कु. श्रद्धा नायक, कु. आराध्या बोरसे, चि. प्रद्युम्न खामगांवकर,
अर्णव कुलकर्णी, कु. स्वरा कुलकर्णी, कु. रेणुका गोविंदवार, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), नाटक में चि. अहिर अग्रवाल, कॅलिफोर्निया, अमेरिका, नृत्य में कु. नव्या चंद्राकार, टेक्सास अमेरिका, मानसी शर्मा, भोपाल, कु. आरोही अग्रवाल, केलीफोर्निया, अमेरिका कथा में कु. जान्हवी गवळे, औरंगाबाद, महाराष्ट्र, गीत में कु. विधि पाराशर, भोपाल, कु. वन्या श्रीवास्तव व ओमांश श्रीवास्तव, लखनऊ, की बोर्ड वादन में चि. शौनक जपे ने अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से सक्रिय सहभागिता दर्शायी।
आॅक्सिजन की उपयोगिता' विषय पर आयोजित परिचर्चा में चि. शौर्य दिक्षित, गुडगांव, कु. माही हेनवर, भाटापारा, छ.ग., कु.सिद्धि जायसवाल, कोरवा, छ.ग. ने अपने विचार व्यक्त किए।
'बालसंसद' में चि. शुभ द्विवेदी, प्रयागराज ने अपने प्रास्तविक भाषण में विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान, प्रयागराज का परिचय देते हुए संस्थान के विकासात्मक व प्रचारात्मक कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया।
बाल मुख्य दर्शक डाॅ. चेतना उपाध्याय, अजमेर, राजस्थान ने अपने मंतव्य में कहा कि,बच्चों को अपने अभिभावकों की अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए वे अपने जीवन को सफल बनाएँ।सामाजिक रिश्तों की भी कद्र करना वे सीखें। पढाई के साथ अपनी रूचि को भी परिपक्व बनाएँ।
डाॅ. यन्तुदेव बुधु, माॅरिशस ने अपने उद्बोधन में कहा कि अपनी विविधताओं के कारण बाल संसद का आज का आयोजन उत्तम सिद्ध हुआ है। वैश्विक महामारी के बीच बालवक्ताओं ने 'आॅक्सिजन की उपयोगिता' पर अपना मत प्रदर्शित करते हुए सभी को प्रेरित किया।
विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान,प्रयागराज के अध्यक्ष, प्राचार्य डाॅ. शहाबुद्दीन नियाज मुहंमद शेख,पुणे महाराष्ट्र तथा सचिव डाॅ. गोकुलेश्वर कुमार द्विवेदी, प्रयागराज ने अपने आशीर्वचनों सहित बाल कलाकारों की विभिन्न प्रस्तुतियों पर अतीव प्रसन्नता व्यक्त की।
बाल संसद की अध्यक्षता कर रही बाल अध्यक्ष कु. जिया खान, पुणे, महाराष्ट्र अपने अध्यक्षीय समापन में समस्त अभिनव प्रस्तुतियों की चर्चा करते हुए कहा कि आॅक्सिजन पर ही हमारा जीवन अवलंबित है।बिना आॅक्सिजन के हमारा शरीर निष्प्राण होता है। अत: पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से अधिकाधिक वृक्ष लगाकर उनका संवर्धन भी करना चाहिए।
बाल संसद के समस्त उपक्रमों का सफल संचालन व नियंत्रण कु.अवनी तिवारी, इंदौर, म.प्र. ने किया। तथा दिवस प्रमुख डाॅ. रश्मि चौबे, गाजियाबाद, उ.प्र. ने धन्यवाद ज्ञापन किया। रमाकांत प्रसाद ने तकनीकी सहायता प्रदान की।
आयोजन की सफलता में डाॅ. मुक्ता कान्हा कौशिक, रायपुर छ.ग., डाॅ. अनसूया अग्रवाल, महासमुंद, छ.ग., डाॅ. लता चौहान, बेंगलूरू, डाॅ. सुनिता यादव, औरंगाबाद, डाॅ. रजिया शाहनाज शेख, बसमतनगर, महाराष्ट्र, डाॅ. पूर्णिमा झेंडे, महाराष्ट्र आदि का अपूर्व सहयोग रहा।
इस भव्य आयोजन में दर्शक के रूप में श्री सुरेशचंन्द्र शुक्ल, ओस्लो, नाॅर्वे, हरेराम वाजपेयी, इंदौर, डाॅ. हरिसिंह पाल, नई दिल्ली, मिथिलेश प्रसाद द्वीवेदी, डाॅ. जेबा रशिद, जोधपुर, डाॅ वंदना श्रीवास्तव, लखनऊ, डाॅ. पुष्पा श्रीवास्तव, पूर्णिमा कौशिक, डाॅ. राजश्री तावरे, शहनाज अहमद, नांदेड महाराष्ट्र सहित झूम, यू.ट्यूब, फेसबूक पटल पर लगभग पाँच सौ प्रतिभागियों द्वारा अपनी सक्रिय सहभागिता पंजीकृत की गई। आर्य नरसिंह, हिंगोली महाराष्ट्र द्वारा प्रस्तुत राष्ट्रगान के साथ समारोह का समापन हुआ।