अमृतवेला परिवार के गुरप्रीत सिंह की प्रेरणा से जारी रहा सिमरण
नागपुर। पूरे विश्व में महामारी फैली हुई है, निजाद के लिए गुरु महाराज का सिमरण रास्ता अवश्य दिखायेगा. मद्देनजर अमृतवेला ट्रस्ट के भाई गुरप्रीत सिंघ रिंकू वीर ने संगत से ऑनलाइन अपने मार्गदर्शन में कहा था कि गुरू की बाणी से ज्यादा से ज्यादा जुड़ जाए, क्योंकि बस एक यही आसरा है जो हमें इस कठिन समय में हमारे परिवार की और पूरे विश्व की रक्षा करेगा.
इसलिए भाई साहिब ने संगत से 'अखंड श्री जपजी साहिब' और 'अखंड श्री सुखमनी साहिब जी' का पाठ करने की विनती की थी. जो कि नित नेम पूरे नियमों से संगत ने दरबारों एवं घर घर मे जारी रखी.
आज भोग साहब डालकर धार्मिक आयोजनों को विराम दिया गया. सेवाधारी शंकरलाल ओटवानी ने चर्चा के दौरान जानकारी दी कि देश में 650 एवं अमरावती, नागपुर सहित महाराष्ट्र में कुल 350 स्थानों के अलावा घर घर संगत के आराधना का सिलसिला निरंतर चलता रहा. नागपुर में अमृतवेला परिवार की ओर से 24 घंटे पाठ साहब सेवा शुरू रही.
अमृतवेला ट्रस्ट के पदाधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार सेनिटाइजर की व्यवस्था अमृतवेला स्थान पर करने के साथ हर पाठी के पाठ करने के बाद बैठक स्थान को सेनिटाइज किया जा रहा था. नियमो का पालन करते हुए संगत को इसमें प्रवेश की अनुमति नही दी गयी थी. विश्व कल्याण के लिए संगत घरों में ही रहकर अरदास कर रही थी.
पाठ आरंभ होने के उपरांत कोरोना का प्रकोप भी शनै शनै कम होने से लोगों ने भी राहत की सांस ली हैं. अमृतवेला ट्रस्ट के भाई रिंकू विरजी संगत को ऑनलाईन मार्गदर्शन में कीर्तन से निहाल कर रहे हैं.