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छंदों पर आधारित 'मधु काव्य' पुस्तक का हुआ विमोचन



नागपुर। शहर की सेवाभावी संस्था 'समरूपण' के 14 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में समरूपण की सदस्या भावना मनावत के घर पर कोरोना काल के सभी नियमों को ध्यान में रखते हुए एक कार्यक्रम संपन्न हुआ। जिसमें समरूपण के सहयोग से पढ़ने वाले विद्यार्थियों को बुलाया गया। प. पू. आत्मदृष्टिविजयजी म.सा. के आशीर्वचनों से कार्यक्रम शुरू हुआ। समरूपण की सभी सदस्याओं ने मिलकर समरूपण की प्रार्थना गाकर ईश्वर का धन्यवाद किया। 


संस्था की संस्थापिका श्रीमती मधु राजेंद्र सिंघी द्वारा लिखित छंदों पर आधारित 101 कविताओं के संग्रह 'मधु काव्य' नामक पुस्तक का विमोचन सुप्रसिद्ध समाजसेवी शरद बागड़ी के हस्ते तथा वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती इंदिरा किसलय, कवि अविनाश बागड़े व महिला बाल विकास परिविक्षा अधिकारी चंद्रकांत बोंडे के विशेष आतिथ्य में संपन्न हुआ। यह पुस्तक भावी पीढ़ी के लिए संस्कार निरूपण का कार्य अवश्य करेगी। सभी शासकीय महिला एवं बाल वसती गृह की प्रमुख अधिक्षिकाएँ उपस्थित थी। वहाँ की शीक्षिकाएँ एवं समरूपण द्वारा पढ़ाये जाने वाले विद्यार्थियों ने समरूपण के कार्यों को बताकर  सभी को आश्चर्य चकित कर दिया। 


हीराचंद रतनचंद मुणोत ट्रस्ट की तरफ से स्नेह आँगन अपंग शाला के बच्चे के लिए एक व्हीलचेयर प्रदान की गई। समरूपण की सभी सदस्याओं ने कार्यक्रम की सफलता के लिए अथक प्रयास किये। धरमपेठ महिला बैंक की प्रमुख और समरूपण की सदस्या नीलिमा बावने ने विशेष सहयोग दिया। उद्घोषिका श्रीमती मोना देसाई और  संगीता जैन ने कार्यक्रम का संचालन किया।
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