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सरकार का मंडी सेस घटाने की बजाय बढाना आश्चर्यजनक : मोटवानी


नागपुर। दी होलसेल ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट असो के सचिव प्रताप मोटवानी ने बताया कि राज्य सरकार ने वादा खिलाफी करते हुए एकाएक राजपत्र में मंडी सेस के साथ रखरखाव फी 5 पैसे बढ़ा दी है जो कि बेहद आश्चर्यजनक है। मोटवानी ने बताया की 25 मई को नागपुर कृषि उत्पन्न बाजार समिति द्वारा पत्र जारी कर सूचना दी है कि 1 जून से मंडी सेस 1 रुपया पर सैकड़ा और देखरेख फी 10 पैसा लगेगी, अभी तक यह फीस 5 पैसा सैकड़ा थी और टोटल मंडी सेस 1.05, पैसा सैकड़ा लगता था। 

मोटवानी ने बताया कि सरकार द्वारा हरदम एसोसिएशन को मंडी सेस घटाने का वादा किया जा रहा था वैट लागू होने के बाद मंडी सेस को हटाने का आश्वासन दिया गया था, कलमना मार्केट में मंडी सेस लगने से पहिले ही पूरा व्यापार चौपट हो चुका है। जब होलसेल अनाज मार्केट कलमना स्थांनतरित किया गया था तब स्व. बाबासाहेब केदार और काकानीजी ने इस शर्त पर मार्केट शिफ्ट किया था की पूरा अनाज जिस पर सेस लगता है कलमना होलसेल अनाज व्यापारियों के पास आकर उनके बिल में सेस लगने के बाद शहर या अन्य शहरों में बिक कर जायेगा, जैसा की कलमना में आलू प्याज,फ्रूट, मिर्ची और किसानों का अनाज आकर वहां के व्यापारियों के पास आकर बाहर बिकता है। 

होलसेल अनाज बाजार में स्थिति विपरीत है,आज पूरे शहर में डायरेक्ट अनाज जाकर बिक रहा है, उन्हे सेस और देखरेख फी नही लगती तो शहर से इतनी दूर कलमना में कौन ग्राहक आकार मंडी सेस के साथ खरीदी करेगा, आज शहर के व्यापारियों का व्यापार फलफुल रहा है कलमना का व्यापार पूरा बर्बाद होते जा रहा है। मोटवानी ने बताया कि एसोसिएशन द्वारा गत 30 वर्षो से मंडी सेस का विरोध किया जा रहा है। इसके पूर्व भाजपा सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंडी सेस हटाने का वायदा किया था और धान पर मंडी सेस लगने के बाद प्रोसेस कनकी चावल से मंडी सेस खतम करने का शत प्रतिशत वादा पूरा नहीं किया। 

नई सरकार बनने के बाद केंद्रीय मंत्री सुनीलजी केदार ने एसोसिएशन की सभा में मंडी सेस कम करने का ठोस वादा किया था, लेकिन वह तो पूरा नहीं किया उल्टा राज्य सरकार ने मंडी सेस के साथ देखरेख फीस बढ़ा कर अचंभित कर दिया है। आज बासमती चावल में  8000 के दर पर 81 रुपए मंडी सेस खरीरदार को लगेगा, जिससे आम ग्राहक प्रताड़ित होंगा, कृषि उत्पन बाजार समिति के पास करोड़ों रुपए फंड जमा है , मार्केट के विकास किसान व्यापारियों के हित में कुछ भी खर्चा नहीं किया जा रहा है अब यह देखरेख फी के नाम से बढ़ोतरी सही नही है। 

मोटवानी ने बताया किहिंगणघाट कृषि उत्पन बाजार समिति के व्यापारी 2 साल से देखरेख फी नही भर रहे है क्यों कि वहां के व्यापारियों ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में केस किया जिसके कोर्ट का निर्णय है कि सरकार का कोई व्यक्ति कृषि उत्पन्न बाजार समिति में कोई देखरेख नही कर रहा है तो आप यह फी नही ले सकते, अभी देखरेख फीस 10 पैसा सैकड़ा करने के विरोध में वहां के व्यापारी पुनः हाई कोर्ट जाने वाले है वकील ने उन्हें आश्वस्त किया है कि केस लड़ने से यह फी रद्द हो सकती है, यह जानकारी हिंगणघाट के व्यापारी दीपक दुब्बानी ने मोटवानी को दी है। मोटवानी ने राज्य सरकार के मुख्य मंत्री और सहकार और वाणिज्य मंत्री को देख रेख फीस रद्द करने और मंडी सेस 1 रुपया सैकड़ा से घटाकर 50 पैसा सैकड़ा करने की मांग की है ताकि राज्य के किसान, व्यापारी आम जनता, ग्राहक को इस मंहगाई में राहत मिल सके।
समाचार 7103640924422020913
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