महारानी अहिल्याबाई होलकर की मनाई जयंती
नागपुर/ सावनेर ।स्थानीय अरविंद इंडो पब्लिक स्कूल हेती (सुरला), सावनेर में 31 मई को अहिल्याबाई होल्कर जयंती ऑनलाइन मनाई गयी ।कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल के प्राचार्य राजेंद्र मिश्र ने की। उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर साम्राज्य की प्रसिद्ध महारानी तथा इतिहास प्रसिद्ध सूबेदार होल्कर के पुत्र खंडेराव की पत्नी थी। उनका जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के अहमदनगर गांव में हुआ था। आज महारानी अहिल्याबाई होल्कर की 297 वीं जयंती है। जिन्हें भारतीय इतिहास की सबसे बेहतरीन महिला शासकों में से एक माना जाता है
वह अपने ज्ञान और प्रशासनिक कौशल के लिए जानी जाती है ।अहिल्याबाई ने महेश्वर को राजधानी बनाकर शासन किया ।उन्होंने अपने राज्य की सीमाओं के बाहर भारत भर के प्रसिद्ध तीर्थ स्थानों में मंदिर बनवाए ,घाट बंधवाए, कुंओ और बावडियों का निर्माण किया,काशी विश्वनाथ में शिवलिंग की स्थापना की। भूखों के लिए भोजन की व्यवस्था, प्यासों के लिए प्याऊ बिठलाई।मंदिरों में विद्वानों की नियुक्ति शास्त्रों के मनन -चिंतन और प्रवचन हेतु की। सनातन संस्कृति के संरक्षण के लिए लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर जी का अतुलनीय योगदान है।
उन्होंने महिला सशक्तिकरण और लोक कल्याण के कई उत्कृष्ट उदाहरण भी स्थापित किए । अहिल्याबाई ने सनातन धर्म की अद्भुत सेवा की । अहिल्याबाई होलकर ने करीब 30 साल कुशल शासन किया। इस अद्भुत शासनकाल के दौरान मराठा प्रांत की राजमाता अहिल्याबाई ने एक छोटे से गांव इंदौर को एक समृद्ध एवं विकसित शहर बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।अहिल्या बाई की मृत्यु 13 अगस्त 1795 ईसवी को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुई थी।स्कूली विद्यार्थियों ने उनके रेखाचित्र तैयार किए, कुछ विद्यार्थियों ने स्लोगन्स लिखे और कुछ विद्यार्थियों ने अपने विचार भाषण के माध्यम से स्कूल के साथ साझा किए ।अरविंद बाबू देशमुख प्रतिष्ठान के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. आशीष देशमुख ने स्कूल के उपक्रम की सराहना की एवं सहभागी विद्यार्थियों का अभिनंदन किया।