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रोज परोपकार, प्रणाम और प्रार्थना करें, आपके सारे ग्रह-गोचर अनुकूल हो जाएँगे : राष्ट्रसंत ललितप्रभ


सैकड़ों युवाओं ने किया माता-पिता को पंचांग प्रणाम, हजारों लोगों ने रोज परोपकार करने का लिया संकल्प

नागपुर। राष्ट्र-संत ललितप्रभ सागर जी महाराज ने कहा कि अगर हम पेंसिल बनकर किसी के लिए सुख नहीं लिख सकते तो कम-से-कम रबर बनकर उनके दुख तो मिटा ही सकते हैं। घर में खाना बनाते समय एक मुट्ठी आटा अतिरिक्त भिगोएँ और सुबह पूजा करते समय 10 रुपए दूसरों की मदद के लिए गुल्लक में डालें। एक मुट्ठी आटे की रोटियाँ तो दुकान जाते समय गाय-कुत्तों को डाल दें और नगद राशि को इकट्ठा होने पर किसी बीमार या अपाहिज की मदद में लगा दें। मात्र नौ महिने में आपके सारे ग्रह-गोचर अनुकूल हो जाएँगे।


संतप्रवर सोमवार को श्री अजितनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर ट्रस्ट और श्री अरिहंत ग्रुप के तत्वाधान में वर्धमान नगर सी ए रोड स्थित धनसंस लाॅन में आयोजित तीन दिवसीय जीवन जीने की कला पर प्रवचन सत्संग माला के पहले दिन श्रद्धालुओं को कैसे बटोरें दुआओं की दौलत विषय पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रास्ते से गुजरते समय मंदिर आने पर आप प्रार्थना में हाथ जोड़ें और अगर कोई एंबुलेंस गुजऱती नजऱ आए तो उसे देखकर उसके लिए ईश्वर से दुआ अवश्य करें। संभव है आपकी दुआ उसे नया जीवन दे दे। 

अगर आप किसी मज़दूर से दिनभर मेहनत करवाते हैं तो उसका पसीना सूखे उससे पहले उसे उसका मेहनताना दे दीजिए। किसी के मेहनताने को दबाना हमारे आते हुए भाग्य के कदमों पर दो कील ठोकना है। विद्यालय भी ईश्वर के ही मंदिर हुआ करते हैं, पर विद्यालय बनाना हर किसी के बूते की बात नहीं होती। आप केवल किसी एक गरीब बच्चे की पढ़ाई को गोद ले लीजिए, आपको विद्यालय बनाने जैसा पुण्य ही मिलेगा।

राष्ट्रसंत ने कहा कि दूध का सार मलाई है, पर जीवन का सार दूसरों की भलाई है। हमें रोज छोटा-मोटा ही सही पर एक भलाई का काम जरुर करना चाहिए। बिल गेट्स और अजीम प्रेमजी जैसे अमीरों ने दुनिया की भलाई के लिए हजारों करोड रुपयों की चैरिटी की है। आप फूल-पांखुरी ही सही, चैरिटी के काम अवश्य करें। दुनिया में कुछ लोग खाकर राजी होते हैं, कुछ लोग खिलाकर। आप प्रभु से प्रार्थना कीजिए कि प्रभु सदा इतना समर्थ बनाए रखना कि मैं औरों को खिलाकर खुश होने का सौभाग्य प्राप्त करूँ।

इस अवसर पर संत प्रवर ने युवा पीढ़ी को प्रतिदिन माता-पिता को पंचांग प्रणाम करने और प्रभु की प्रार्थना करने की प्रेरणा दी। प्रवचन से प्रभावित होकर सैकड़ों युवाओं ने मंच पर आकर माता-पिता को पंचांग प्रणाम किया और प्रतिदिन प्रणाम करने व परोपकार करने का संकल्प लिया।

इस दौरान डॉ मुनि शांतिप्रिय सागर ने कहा कि गुस्सा इंसान को बर्बादी की तरफ ले जाता है। गुस्से में अगर नौकरी छोड़ोगे तो करियर बर्बाद होगा, मोबाइल तोड़ोगे तो धन बर्बाद होगा, परीक्षा न दोगे तो वर्ष बर्बाद होगा और पत्नी पर चिल्लाओगे तो रिश्ता खराब होगा क्योंकि गुस्सा हमारा मुंह खोल देता है पर आंखें बंद कर देता है। यह पागलपन से शुरू होता है और प्रायश्चित पर पूरा होता है। उन्होंने कहा कि गुस्सा करने से पहले सौ बार सोचें, इससे लाभ नहीं नुकसान ही होना है। जो काम रुमाल से निपट सकता है भला उसके लिए रिवाॅल्वर का उपयोग क्यों किया जाए।

उन्होंने कहा कि गुस्सा आ भी जाए तब भी वाणी पर नियंत्रण रखने की कोशिश कीजिए नहीं तो आप हानि उठाएंगे। मां के पेट से निकला बच्चा और मुंह से निकले बोल वापस कभी अंदर नहीं जाते। उन्होंने कहा कि अगर गुस्सा करना ही है तो किसी को सुधारने के लिए करें, अहंकार जताने या किसी को नीचा दिखाने के लिए गुस्सा ना करें।

गुस्से को जीतने के टिप्स देते हुए उन्होंने कहा कि विरोध के वातावरण में भी मुस्कान को तवज्जो दीजिए, गुस्से को जीतने के लिए क्रोध के वातावरण से दूर रहिए, मौन का अभ्यास बढ़ाइए, सकारात्मक व्यवहार कीजिए, विनोदी स्वभाव के मालिक बनिए, सप्ताह में 1 दिन क्रोध का उपवास अवश्य कीजिए। अगर आप शांति के वातावरण में क्रोध करते हैं तो दुनिया की नजर में आप उग्रवादी कहलाएंगे वहीं यदि क्रोध के वातावरण में भी आप शांत रहेंगे तो किसी देवदूत की तरह पहचाने जाएंगे।

प्रवचन के बीच जब संत प्रवर ने नहीं चाहिए दिल दुखाना किसी का, सदा ना रहा है सदा ना रहेगा जमाना किसी का....भजन गुनगुनाया तो श्रद्धालु हाथ उठाकर भक्ति में झूमने लगे।

कार्यक्रम में फतेहचंद वीरेंद्र कुमार सुरेंद्र कुमार कोठारी परिवार द्वारा सभी श्रद्धालुओं को कोटेशन के कैलेंडर की प्रभावना दी गई। गुरुजनों ने कोठारी परिवार को साहित्य पुष्प देकर आशीर्वाद दिया।

कार्यक्रम में दीप प्रज्वलित करने का लाभ फूल चंद कोठारी, शरद कोठारी, नरेंद्र डागा, ज्ञान चंद बोथरा, प्रभात धारीवाल, धरमचंद खजांची, देवेंद्र कोठारी, शांतिलाल कोठारी, जितेंद्र दफ्तरी, अशोक बरडिया, सुनील कर्णावत, आनंद गुप्ता और समारोह के मुख्य लाभार्थी फतेह चंद कोठारी वह निर्मल कुमार कोठारी ने लिया और समारोह में रोहित मुणोत, इंदौर प्रशांत मरोठी बेतूल, दिलीप राका, शेखर लोढ़ा, सुभाष कोटेचा, श्याम शुक्ला, सुरेश कोठारी, विशाल कोठारी, भरत आसानी आदि विशेष रूप से उपस्थित थे। इस दौरान प्रभु भक्ति पर श्री जिनदत्त सूरी महिला मंडल ने सुमधुर भजन की प्रस्तुति दी। मंच संचालन मनोज कटारिया ने किया।

मंगलवार को घर को कैसे स्वर्ग बनाएं विषय पर देंगे विशेष मार्गदर्शन - संतश्री मंगलवार को सुबह 8:45 बजे धनसंस लाॅन में घर को कैसे स्वर्ग बनाए विषय पर विशेष मार्गदर्शन प्रदान करेंगे जो कि घर के झगड़ों को मिटाने और सास बहू,  देरानी जेठानी के रिश्तों को मीठा और मधुर बनाने के लिए रामबाण औषधि का काम करेगा।
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