संगीतालय म्युज़िक एकेडमी की एक सुरीली शाम


नागपुर। संगीत की प्रतिष्ठित संस्था, 'संगीतालय म्युज़िक एॅकडमी' की ओर से सीनियर ग्रुप के कलाकारों द्वारा एक सुरीली शाम का आयोजन किया गया। जिसमें सबसे पहले राग पटदीप की एक बंदिश को समर सेन सर ने प्रस्तुत किया। तत्पश्चात, पारोमिता दास ने 'मेघा छाए' गीत की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में क्रमशः सभी कलाकारों ने एक से बढ़कर एक सुमधुर रचनाओं को पेश किया। 


जिसमें, श्रेयस राॅय ने बातें ये कभी', 'खामोशियां', युवराज चौधरी ने 'रिमझिम गिरे सावन', 'ना जा कहीं अब न जा', प्रिया गजभिए ने 'दो लफ्जों की', 'मन क्यों बहका', संगीता रॉय ने 'बड़े अच्छे लगते हैं', 'चुरा लिया है तुमने', असीमा बोस ने 'तेरे मेरे बीच में', मिठु चक्रवर्ती ने 'रैना बीती जाए', 'दिल है कि मानता नहीं', डॉ. मुर्तुजा अली अख्तर ने 'वो कागज की कश्ती', 


संदीप जोतवानी ने 'बचना ए हसीनों, तथा असीमा बोस के साथ मिलकर 'जय जय शिव शंकर', समर सेन सर और पारोमिता राॅय ने युगल गीत 'जाने जा ढूंढता फिर रहा' गाकर समां बांध दिया। कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉक्टर पूजा अख्तर ने बहुत ही सुन्दर ढंग से किया। कार्यक्रम की सफलता में सुरोजीत सेन तथा विक्की ने सहयोग किया।
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