अनाज दलहनों पर जीएसटी लगने से बढ़ेंगी महगाई : मोटवानी
https://www.zeromilepress.com/2022/07/blog-post_78.html
जीएसटी के विरोध में व्यापारी करेंगे तीव्र आंदोलन!
नागपुर। देश में आजादी के बाद प्रथम बार 18 जुलाई से दालों अनाजों और अनेक जीवनाश्यक वस्तुओ पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का निर्णय जीएसटी कॉन्सिल ने चंडीगढ़ में लेकर सभी को असमंजस में और आश्चर्य चकित किया है।
दि होलसेल ग्रेन एड सीइस मर्चेंट एसोसिएशन के सचिव प्रताप ए. मोटवानी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वितमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन से ट्वीट कर इसे रद्द करने की मांग की है।
मोटवानी ने बताया कि देश की आजादी के बाद महाराष्ट्र में जीवनाशयक वस्तुओ पर कोई टैक्स नहीं लगा है, क्यों की महाराष्ट्र खपत की मंडी है और आम जनता का भोजन मंहगा ना हो किसान, व्यापारी और आम जनता प्रभावित ना हो इसलिए जीवनश्यक वस्तुओ पर कभी भी टैक्स नहीं लगाया गया, वैट को भी खाद्यानो से मुक्त रखा गया। कुछ साल पूर्व सरकार ने सिर्फ ब्रांडेड अनाजो पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाया जिसका भी सख्त विरोध हुआ और अभी भी विरोध जारी है पर एकाएक जब वर्तमान में सरकार ने नान ब्रांडेड पर भी टैक्स लगाने का प्रस्ताव पारित कर सभी को स्तब्ध कर दिया है। यह निर्णय से आम जनता को महंगाई की आग में झोंकने का कार्य है, जीवनश्यक वस्तुओ पर जीएसटी लगाना पूरी तरह अन्यायिक और अनुचित है, उससे व्यापार तो बर्बाद होगा ही महंगाई भी बढ़ेगी।
दि होलसेल ग्रेन एड सीडस मर्चेंट असोसिएशन के सचिव प्रताप मोटवानी के अनुसार अगर तुवर दाल पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगती है तो 5 रुपए प्रति किलो और एक क्विंटल पर 500 रुपए टैक्स आम जनता को लगेगा। एक होलसेल व्यापारी सिर्फ एक क्विंटल पर 25 से 30 रुपए मुनाफा लेकर उधारी में व्यापार करता है। इसी तरह सभी दालें, अनाज प्रति किलो 4 से 7 रुपए महंगे हो जायेंगे। सरकार अगर एक क्विंटल पर 500 - 700 प्रति क्विंटल जीएसटी लेंगी, तो भीषण महंगाई से देश का व्यापार, व्यापारी, आम नागरिक सहित किसान और देश का व्यापार तबाह हो जाएगा, साथ ही व्यापारियों को जीएसटी के जटिल नियमों से सामना करना होगा, जो की व्यापारियों के लिए बेहद मुश्किल होंगा। सरकार का यह निर्णय छोटे मंझले व्यापारियों को तबाह कर बड़ी कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए यह किया जा रहा है।
मोटवानी ने बताया कि सरकार की निरंतर जीएसटी की वसूली बेहद बढ़ रही है तो ऐसी स्थिति में जीवनश्यक वस्तुओ पर जीएसटी को लगाने का क्या औचित्य है। सरकार ने इस बारे में पुनः विचार करना चाहिए नही तो देश में सभी व्यापारियों को आंदोलन करना होंगा, व्यापारी किसी भी हालत में जीवनाशयक वस्तुओ पर जीएसटी मान्य नहीं करेंगे।