'पढ़े हम, पढ़ाएं हम' अध्ययन केंद्र ताजबाग़ में स्कुल बॅग का किया वितरण
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नागपुर। स्थानीय यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसायटी एवं फ़िक्र फाउंडेशन द्वारा संचालित मिशन यू एम एस/फ़िक्र इंडिया 'पढ़ें हम, पढ़ाए हम' अध्ययन केंद्र नॅशनल स्कूल यासीन प्लॉट बड़ा ताजबाग़ में हैरिटेज इंटरनेशनल स्कूल के सहयोग से विद्वान छात्र - छात्रावो को गुणवत्ता के आधार पर स्कूल बॅग वितरण कार्यक्रम किया गया। इस अवसर पर महाराष्ट्र राज्य शिक्षक परिषद की सदस्या सौ. पूजा ताई चौहान, जाफरी हॉस्पिटल के संचालक डॉ. शाहिद जाफ़री, नॅशनल स्कुल के संचालक हसीब सर, मुख्याध्यापक गौस शाह, हैरिटेज इंटरनेशनल स्कूल के संचालक अल्तमस जीशान,
समाजसेवी सचिन हाड़के, समीर शेख, फैशन डिज़ायनर मुख़्तार शेख, समाजसेविका अनिशा शेख, फ़िक्र फाउंडेशन के अध्यक्ष सलमान अहमद, यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसायटी के अध्यक्ष रियाज़ काज़ी, पत्रकार रियाज़ अहमद, समाजसेवी दीपक उल्लंगवार आदि प्रमुखता से उपस्थित थे। सर्वप्रथम मान्यवारों के हस्ते क्रांति ज्योति फातेमा शेख एंव सावित्री बाई फुले की प्रतिमा पर माल्यार्पन कर उन्हें नमन किया गया।
कार्यक्रम को संभोधित करते हुए मान्यवरों ने कहा की यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसायटी एवं फ़िक्र फाउंडेशन दोनों संस्थाए 'पढ़ें हम, पढ़ाए हम' अभियान के माध्यम से झुग्गी झोपड़पट्टी में रहने वाले, रास्तों पर रहने वाले एवं स्थलांतरित कामगारों के बच्चों को नियोजनबद्धता से शिक्षा की मुख्य धारा में लाने के लिए सफलतापूर्वक प्रयास कर रही है।
'पढ़े हम पढ़ाए हम' अभियान से अर्थपूर्ण और परिणाम उन्मुख कार्य हो रहा है। आज के इस दौर में लोंगो के पास अपने परिवार के लिए समय नहीं है वहां ऐसी भी संस्थाए है जो वंचित बच्चों के लिए इस तरह की मुहीम चला रही है।
निश्चित रूप से आने वाले समय में इस मिशन को सुनैरे अक्षरों में लिखा जाएगा। सौ. पूजा ताई चौहान ने कहा की झुग्गी झोंपड़पट्टी में, रास्तों पर रहने वाले मजदूरों के बच्चों को उनके गंतव्य पर जाकर पढ़ाना अपने आप में एक मिशाल है।
यह कार्य अपने आप मे अभूतपूर्ण है इसका परिणाम आने वाले दिनों में अच्छे समाज निर्माण के रूप मे हमे देखने को मिलेगा। उन्होंने 'पढे हम पढ़ाए हम' अभियान को भविष्य के लिए शुभकामनाए भी दी।
कार्यक्रम को संभोधित करते हुए सभी मान्यवरों ने भारत की पहिली मुस्लिम शिक्षिका फ़ातेमा शेख़ की जीवनी पर अपने विचार व्यक्त किये। मान्यवरों ने आगे बताया की फ़ातिमा शेख एंव जाकिर खान समेजा ने महिलाओं और उत्पीड़ित जातियों के लोगों को कैसे शिक्षा दी।
उस्मान शेख ने फुले दम्पत्ती को अपने घर की पेशकश की और परिसर में एक स्कूल चलाने पर सहमति व्यक्त की। 1848 में, उस्मान शेख और उसकी बहन फातिमा शेख के घर में देश का पहला स्कूल खोला गया जिस स्कुल में वंचित महिलाओ पढ़ाया गया।
मान्यवरों ने आगे कहा की क्रांति ज्योति सावित्री बाई फुले एवं फातेमा शेख के स्मरण में वंचित बच्चों को शैक्षणिक साहित्य बांट कर सही मायनों में उनका शिक्षा के प्रति समर्पण एवं बलिदान को जीवित रखने का कार्य 'पढ़े हम, पढ़ाए हम' मिशन के तहत हो रहा है।
जाफ़री हॉस्पिटल के संचालक डॉ. शाहिद जाफरी ने कहा की इन वंचित बच्चो को शिक्षा के साथ साथ शारीरिक एंव मानसिक शिक्षा की आवश्यकता है। सभी मान्यवरों ने मिशन यू एम एस/फ़िक्र इंडिया 'पढ़ें हम, पढ़ाए हम' अभियान को शुभकामनाये दी एंव संचालक मंडल का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम का संचालन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसायटी के अध्यक्ष रियाज़ काज़ी ने किया, प्रस्तावना फ़िक्र फाउंडेशन अध्यक्ष सलमान अहमद ने रखी एवं आभार आफरीन बानो ने माना।
कार्यक्रम मे सफल बनाने के लिए फ़िक्र फाउंडेशन के संचालक फरहान अहमद, डॉ. अविनाश कामड़े, शशिकांत मानकर, जिला समन्वयक जाहन्वी चेटूले, तबस्सुम शेख, मेघा मरवाड़े, जयश्री बोहते, चित्र नन्हे आदि ने अथक परिश्रम किया।