डॉ. हरभजनसिंह हंसपाल की काव्यकृति 'कलम की धार' का लोकार्पण
https://www.zeromilepress.com/2023/07/blog-post_79.html
नागपुर। अर्चना साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था के तत्वावधान में रा.तु.म. नागपुर विद्यापीठ के पूर्व प्रपाठक एवं सुप्रसिद्ध साहित्यकार स्व. डॉ. हरभजन सिंह हंसपाल की काव्यकृति 'कलम की धार' का लोकार्पण पंजाब प्रदेश के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक मा. बनवारीलाल पुरोहित के शुभहस्ते संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता रा.तु.म. नागपुर विद्यापीठ के कुलपति डॉ. सुभाष चौधरी ने की जबकि प्रमुख अतिथि के रूप में सिम्स हॉस्पिटल के संचालक एवं कवि डॉ. लोकेंद्र सिंह, कार्यक्रम संयोजक सुप्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य एवं साहित्यकार डॉ. गोविंदप्रसाद उपाध्याय व संस्थाध्यक्ष डॉ. शशिकांत शर्मा मंचासीन थे।
मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन मां शारदा एवं स्व. डॉ. हरभजन सिंह हंसपाल के चित्र को माल्यार्पण करके कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। संस्था सचिव श्रीमती शशि भार्गव प्रज्ञा ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। संस्था की ओर से मंचासीन अतिथियों का शाल, श्रीफल एवं पुष्पगुच्छ देकर सत्कार किया गया।
डॉ. शशिकांत शर्मा ने अपने प्रास्ताविक वक्तव्य में संस्था के उद्देश्य, गतिविधियों एवं भावी योजनाओं पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर स्व. डॉ. हंसपाल की धर्मपत्नी डॉ. अमरजीत कौर का मा. राज्यपाल महोदय के हाथों शाल श्रीफल व पुष्पगुच्छ देकर सत्कार किया गया।
डॉ. गोविंदप्रसाद उपाध्याय ने काव्यकृति 'कलम की धार' की समीक्षा की तथा पुस्तक की प्रकाशन संबंधी महत्वपूर्ण जानकारियाँ दीं। डॉ. लोकेंद्र सिंह ने अपने वक्तव्य में पुस्तक की विशेषताओं का वर्णन करते हुए समयोचित विचार व्यक्त किए।
मा. राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने डॉ. हंसपाल जी के जीवन से जुड़े हुए कई संस्मरण एवं उनकी कुछ कविताओं का वर्णन किया। उन्होंने हंसपाल जी को एक आदर्श शिक्षक कुशल, व्यंग्यशिल्पी एवं समाजसेवी निरूपित किया। स्वामी विवेकानंद का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि धर्म संस्कृति का रक्षक है।
अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में डॉ. सुभाष चौधरी ने संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की साथ ही डॉ. हंसपाल जी को इंद्रधनुषीय व्यक्तित्व के रूप में प्रतिपादित किया।
कार्यक्रम का संचालन अतुल त्रिवेदी ने किया जबकि कल्पेश उपाध्याय ने आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में किशन शर्मा, डा. राजेंद्र पटोरिया, चंचल हंसपाल, अनिल त्रिपाठी, डी के शाही, डॉ. मनोज पांडे, एस.पी. सिंह, डॉ. मधुकर वाघमारे, जयप्रकाश शर्मा, सरोज व्यास, डॉ. हरविंदर कौर, अनिल मालोकर अविनाश बागड़े, सरोज व्यास, मधुलता व्यास, डॉ.नीरज व्यास, दयाशंकर तिवारी मौन, जयमाला तिवारी प्रमुखता से उपस्थित थे।