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सनातन धर्म एवं संस्कृति पर ऑनलाइन वेबीनार का किया आयोजन


नागपुर/भोपाल। आज आयुष समृद्धि एवं सर्व ब्राह्मण कल्याण उत्थान समिति के संयुक्त तत्वावधान में सनातन धर्म एवं संस्कृति पर एक ऑनलाइन वेबीनार का आयोजन किया गया जिसमें प्रो पवन कुमार शर्मा ने सनातन धर्म संस्कृति की महत्ता का वर्तमान परिवेश में रेखांकित करते हुए इस आयोजन की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। इसके पश्चात सर्व ब्राह्मण कल्याण उत्थान समिति की अध्यक्ष श्रीमती सरोजिनी दुबे ने स्वागत भाषण देते हुए टूटते परिवार को बचाने हेतु संस्कृति के जन जागरण पर जोर दिया। 

इस के प्रथम वक्ता पं रामकिशोर त्रिपाठी ने बताया सनातन शब्द सत् और तत् से मिलकर बना है। दोनों शब्दों का अर्थ यह और वह है। इसका व्यापक उल्लेख 'अहं ब्रह्मास्मि और तत्वमसि' श्लोक से मिलता है। इस श्लोक का अर्थ है कि में ही ब्रह्म हूँ और यह संपूर्ण जगत ब्रह्म है। ब्रह्म पूर्ण है। इस सृष्टि के निर्माण के पश्चात भी ब्रह्म में न्यूनता नहीं आई है। कहने का तात्पर्य यह है कि ब्रह्म पूर्ण है। इसे ही सनातन कहते हैं। आसान शब्दों में कहें तो सत्य ही सनातन है।

पं श्याम सुंदर शर्मा ने पृथ्वी अग्नि जल आकाश हवा के माध्यम से सनातन की व्याख्या करते हुए संस्कृति की स्थापना हेतु शहरी क्षेत्रों में काम करने पर जोर दिया। इसके पश्चात श्रीमती सीमा भारद्वाज ने युवा वर्ग में संस्कार डालने के लिए स्कूल कालेज में संस्कार शिविर लगाकर सनातन धर्म की स्थापना पर जोर दिया। श्रीमती वंदना द्विवेदी ने वर्तमान में परिवार विघटन के लिए संस्कार का अभाव बताया साथ ही समस्त वक्ताओं ने भोजन की बरबादी रोकने पर भी सुझाव दिए। इस वेबीनार में प्रो विनीत अग्निहोत्री प्रो विष्णु शर्मा, डॉ प्रभात पांडेय, श्रीमती शारदा पांडेय, श्रीमती बिंदु शुक्ला सहित अन्य विद्वानो ने भी विचार रखे।
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