डॉ. तन्हा नागपुरी का व्यक्तित्व काबिले तारीफ : सिध्दार्थ गायकवाड़
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यादें साहिर लुधियानवी के मुशायरे की सराहना
नागपुर। जिन्दगीके संघर्ष को चुनौती के साथ निभाने वाले और सामाजिक दायित्व को अंगिकार करके तन्हा जीने वाले कवि आज डॉ. तन्हा नागपुरी बन गए हैं, ऐसे उक्ताशय सामाजिक न्याय विभाग के प्रादेशिक उपायुक्त सिध्दार्थ गायकवाड़ ने महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा के धनवटे सभागार में यादें साहिर लुधियानवी के 43वे पुन्यतिथि के उपलक्ष में अपने अध्यक्षीय संबोधन में रखे और राष्ट्रीय मुशायरे की सराहना करते हुए, स्मृति चिन्ह व डाक्टरेट का प्रमाणपत्र तथा अंगवस्त्र व गुलदस्ता देकर मंचासिन कवियों के सामने गरिमा से सत्कार करके तन्हा नागपुरी को बधाइयां पेश की।
डॉ. भास्कर सुमन, प्रा. जावेद पाशा, उल्लास मनोहर, जमील अंसारी, कंचन प्रजापति, शेषनाग उके, वीणा आडवाणी तन्वी, राहुल शामकुवर आदि मान्यवर कवि इस मौके पर उपस्थित थे। सभी ने अपने मनोगत कार्यक्रम के संदर्भ में बयां किए। उल्लेखनीय है कि सर्व प्रथम मकबूल शायर साहिर साहब के छायाचित्र पर श्रद्धा के साथ पुष्प माला चढ़ाकर उन्हें आदरांजलि दी गई।
गत 38, सालों से साहिर साहब के याद में कवि सम्मेलन किया गया है और आगे भी जारी रहेगा, बहरहाल मेरा सत्कार मेरे हौसले को सलाम करने ने जैसा कारगर बना रहे ऐसा प्रास्ताविक डा तन्हा नागपुरी ने उपस्थितो के स्वागत में अभिव्यक्त किए।
कार्यक्रम का सफल संचालन युवा शायर इमरान फ़ैज़ ने किया। ऋषिकेश ऋषि, अमन रंगेला, रौशनी अंबर, नागेश वाहुरवाघ, प्रकाश बावनगडे, माधुरी मिश्रा, दशरथ गजभिए, मार्कंड नंदेश्वर व मंचासिन सभी ने काव्यपाठ करके उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। अंत में वनराई के अध्यक्ष गिरिश गांधी व कार्यक्रम में शामिल सभी का आभार राहुल शामकुवर ने माना।