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उभरते सितारे में 'समय का निर्धारण'


नागपुर। पश्चाताप कभी भूतकाल बदल नहीं सकता, वैसे ही चिंता भविष्य निर्माण नहीं कर सकता। इसीलिए, वर्तमान में ही आवश्यक कार्य को आनंद और पूर्ण समर्पण के साथ करना चाहिए। क्योंकि, समय सबसे अमूल्य है। समय का योग्य निर्धारण जरूरी है। जिसके कुछ नियम है। पहला, लक्ष्य को निश्चित करना।  दूसरा, अपने उद्देश्य को कागज पर लिखकर, उसके अनुसार कार्य करना। तीसरा, अपना समय कहां व्यर्थ जा रहा है, उसे जानना एवं उसे उपयोगी लाने का प्रयास करना। चौथा, सबसे महत्वपूर्ण कार्य जो है उसे सबसे पहले करना। पांचवा, सुबह निर्धारित समय से एक घंटा पहले उठना जरूरी है। ताकि, वह समय भी उपयोगी हो पाए। अपने लक्ष्य को कागज पर लिखकर उसके अनुसार समय को महत्व पूर्ण जानते हुए समय पर कार्य करना जरूरी है। घड़ी की सुइयां जिस तरह चल रही है, आपको भी चलते रहना जरूरी है। यह अनमोल विचार श्रीमती निर्मला प्रकाश मेंढे ने बच्चों और उनके अभिभावकों के बीच रखें।

 

विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं के लिए लोकप्रिय उपक्रम 'उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत  ज्ञानवर्धक संगीतमय कार्यक्रम 'समय का निर्धारण' विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें महाराष्ट्र शासन के व्यवसाय शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग के सहायक संचालक श्रीमती. निर्मला प्रकाश मेंढे उपस्थित थीं । इनका सम्मान, सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने स्वागतवस्त्र और मोमेंटो देकर किया। 
 

सर्वप्रथम, कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए संयोजक युवराज चौधरी ने समय का निर्धारण विषय को समझाया । और, कहा की समय की प्रतिबद्धता, वर्तमान में आनंद के साथ अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्पित होकर जीना और लगातार प्रयास करना जरूरी है, बिना निराशा के भाव मन में लाते हुए ।
तत्पश्चात, संपूर्णा रेमंडल ने समय का निर्धारण पर स्वलिखित कविता सुनाई। हर्षाली हरणे, निर्भय लाकुड़कर, स्वरा भूतड़ा, सुनीता हरणे, सुरेश जाधव, माधुरी आसरे, सुरभि भूतड़ा, दिलीप भंसाली, मनीषा चांडक, और भव्या अरोरा ने शानदार गीतों की प्रस्तुति दी।  संस्कृति डाहाके, देवांशी पटनायक, हिरण्या चरडे, हर्षाली हरणे, अदिति ठवकर, सांन्वी कावळे और संपूर्णा रेमंडल ने मनमोहक नृत्य से उपस्थित सभी लोगों का दिल जीत लिया।

प्रतिभाशाली बच्चों की प्रस्तुतियों को देवस्मिता मानस पटनायक,  बाबा खान, अर्चना लामसोंगे, मिनाक्षी केसरवानी, मोनिका रेमंडल, सीमा लूहा, आशा वेदप्रकाश अरोरा, सुहास तिरपुडे, दीप्ति योगेश चरडे, स्नेहल डाहाके, मयंक भूतड़ा, विद्या ठवकर, वेदिका नितिन आसरे आदि ने खूब सराहा। कार्यक्रम का कुशल संचालन सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने किया। तथा कार्यक्रम में सहयोग प्रशांत शंभरकर और कृष्णा कपूर ने किया। उपस्थित दर्शकों, अभिभावकों और कलाकारों का आभार राज चौधरी ने व्यक्त किया।
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