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प्रणय गीतों से सजा 'तुमसे मिलकर'


नागपुर। वैशु'ज़ म्यूजिकल वर्ल्ड की ओर से 'तुमसे मिलकर' सदाबहार रोमांटिक गीतों का कार्यक्रम, उत्कर्ष हाल में आयोजित किया गया। जिसमें दिल्ली से पधारे संगीत समीक्षक श्री रमेश राय और हैदराबाद से श्रीमती रूबी चटर्जी गायिका प्रमुखता के साथ उपस्थित थी। सर्वप्रथम, निदेशिका वैशाली मदारे ने सभी कलाकारों का अभिनंदन किया।  कार्यक्रम की प्रस्तावना नंदकिशोर मुले जी ने रखी। जिसमें उन्होंने भारतीय सिनेमा जगत की सदाबहार प्रणय गीतों की अच्छी जानकारी दी। इस अवसर पर श्री रमेश राय और श्रीमती रूबी चटर्जी का शॉल द्वारा सम्मान किया गया।


तत्पश्चात, एक से बढ़कर एक सुमधुर गीतों को शहर के सुपरिचित कलाकारों ने प्रस्तुत किया। जिसमें सुनील नौकरकर ने 'खुदा भी आसमान से', 'यह रेशमी जुल्फें', राज चौधरी ने 'ना जा कहीं अब ना जा', वैशाली मदारे ने 'कोई नहीं है फिर भी मुझको', 'मेरे प्यार की उमर हो', हेमलता वैद्य ने 'नाविका रे', 'जानेमन जानेमन', नंदकिशोर मुले ने 'चांद सिफारिश', 'जब से तेरे नैना', रॉकी रत्नेश ने 'जिंदगी के सफर में', 'कभी तो खैरियत पूछो',  काकोली मलिक ने 'रोज शाम आती थी', 'आंखों आंखों में हम तुम', चारुलता पालांदूरकर ने 'दिल में तुझे बिठाके', 'हमसफर मेरे हमसफर', नरेश कावले ने 'देखो रूठा ना करो',  'लाखों हैं यहां दिलवाले',  डॉ शरयु देशमुख ने 'तुमसे मिल के ऐसा लगा',  'मौसम है आशिकाना', पूर्णिमा दत्ता ने 'तूने ओ रंगीले', 'बाबूजी धीरे चलना' और कार्यक्रम का शीर्षक युगल गीत 'तुमसे मिलकर न जाने क्यों' राज चौधरी एवं वैशाली मदारे ने गाकर समां बांध दिया।

कार्यक्रम में ध्वनि प्रक्षेपण अर्पण और विनोद पांडे ने संभाला। लाइव स्ट्रीमिंग शविंद्र बिसेन ने की। कार्यक्रम का कुशल संचालन नंदकिशोर मुले ने किया। सभी दर्शकों का और श्रोताओं का आभार वैशाली मदारे ने अपने शब्दों में व्यक्त किया।
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