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समाज का अभिमान है नारी : वंदना खुशालानी


नागपुर। नारी समाज का अभिमान है। वह समाज परिचालन की धुरी है। वास्तव में नारी ही परिवार को, समाज को आत्मीयता के सूत्र में पिरोती है। उक्त विचार व्यक्त करते हुए दयानंद आर्य कन्या महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्या डॉ. वंदना खुशालानी ने नारी के विविध गुणों का मार्मिक वर्णन किया। वे हिन्दी विभाग, राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय, एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, विदर्भ प्रांत द्वारा आयोजित जागतिक महिला दिवस कार्यक्रम को सम्बोधित कर रही थीं।

उन्होंने कहा कि पौराणिक युग में गार्गी, मैत्रेयी, लोपामुद्रा जैसी विदुषियों ने भारतीय ज्ञान परम्परा को समृद्ध किया, वहीं महारानी लक्ष्मीबाई, रानी दुर्गावती, केलदी चन्नम्मा, सावित्रीबाई फुले, सारदा माँ, भगिनी निवेदिता जैसी तेजस्वी नारी शक्ति की प्रतीक हैं। बीच के काल में विदेशी आक्रमणों और अत्याचारों के चलते नारी की समाजिक स्थिति ठीक नहीं थी, पर आधुनिक काल में नारी चेतना का विकास हुआ है। आज नारी जागृत और जागरूक है। आज हर क्षेत्र में नारी ने अपने स्वत्व को स्थापित और सिद्ध किया है।         

 कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज पाण्डेय ने कहा कि भारतीय नारी ने जीवन के विविध क्षेत्रों में अपनी कर्मठता और कुशलता का परिचय दिया है। दुनिया भर में उठे नारी विमर्शों ने हमारे सामाजिक सरोकारों को समृद्ध किया है। इस अवसर पर सहयोगी प्राध्यापक डॉ. संतोष गिरहे ने कहा कि नारी परिवार की सुरक्षा कवच है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. एकादशी जैतवार ने किया। इस अवसर पर डॉ. लखेश्वर चन्द्रवंशी, श्री नरेन्द्र परिहार, डॉ. सुमित सिंह सहित बड़ी संख्या शोधार्थी तथा विद्यार्थी उपस्थित थे।
समाचार 8526890609845421848
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