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संविधान की छठी अनुसूची में लद्दाख को शामिल करने की मांग की लगाई गुहार


नागपुर। लद्दाख के लोग संविधान की छठी अनुसूची में लद्दाख को शामिल करने की मांग कर रहे है।ये अनुसूची कुछ विशेष शक्तियों के साथ स्वायत्त परिषदों के निर्माण की अनुमति देती है। दरअसल छठी अनुसूची आदिवासी श्रेत्रो के लिए संवैधानिक सुरक्षा उपायों पर जोर देती है।


लद्दाख के लोगों का कहना है कि संवैधानिक सुरक्षा न मिलने से यहां के जमीन, रोज़गार, पर्यावरण की सुरक्षा और सांस्कृतिक पहचान सब पर असुरक्षा की भावना घर कर गई है। यहीं वजह है की 2019 में तत्कालीन राज्य जम्मू और कश्मीर में संवैधानिक बदलाव के बाद से श्रेत्र के प्रतिनिधि लगातार केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख को बार बार छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग उठाते आ रहे है। 
मशहूर इंजीनियर तथा सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक इसे लेकर अनशन पर बैठे है।

लद्दाख की जनता की मांग पूरी हो तथा सोनम वांगचुक के अनशन को न्याय मिले इसका सहयोग नागपुर की जनता ने किया। इसी संदर्भ में संविधान चौक पर 17 मार्च को सहयोग सभा आयोजित की गयी पर्यावरण विदर्भ प्रेरणा के अध्यक्ष शरद पालीवाल तथा सचिव अनुसूया काले छाबरानी द्वारा जिसमें विजयिनी सखि मंच की संस्थापिका पूनम हिंदुस्तानी तथा अनेको विजयिनी सदस्या सम्मिलित हुई।

सक्रिय एवं सशक्त समाजसेविका कविता गर्ग सिघंल, अभिजीत झा, एन एम सी की ब्रांड एम्बेसडर आचल वर्मा भी सम्मिलित हुई। ईश्वर देशमुख कॉलेज में शिक्षा ग्रहण करने आए लद्दाख के विद्यार्थी भारी संख्या में इकत्रित हुए तथा  अपनी मांगे पूरी करने के लिए गुहार लगाई। नागपुर के अनेक श्रेत्रो से, बड़ी संख्या में पर्यावरण प्रेमी तथा देशभक्तों ने सहयोग प्रदान किया।
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