सफल रही ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया दिल्ली की आभासी काव्य गोष्टी


नागपुर। आथर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया दिल्ली द्वारा आभासी काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। आथर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया के सदस्य पूरे देश में है। रंग पंचमी और आने वाले नए हिंदू वर्ष को ध्यान में रखते हुए यह आयोजन किया गया। इस आयोजन की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष पदमश्री डॉ. श्याम सिंह ‘शशि’ ने की। इस कार्यक्रम में दिल्ली, नागपुर, आगरा, हैदराबाद, गोवा, केरला, जबलपुर, कानपुर, तिरुवंतपुरम, नार्वे और अरब कंट्री से सदस्यों ने भाग लिया।


कार्यक्रम की शुरुआत में सुदेश भाटिया ने जल संरक्षण और होली के हुड़दंग के माध्यम से कहा- ‘समाज में फैली बुराइयां होली में दफनाएं, अबीर गुलाल सूखे रंगों को एक दूसरे पर लगाएं’। मीना गुप्ता, सी जी प्रसन्न कुमारी, डॉ. सुरेश शुक्ला ने व्यंग्य के माध्यम से विज्ञापन प्रदूषण को प्रस्तुत किया। प्रदीप गौतम ‘सुमन’ ने के बाद डॉ अहिल्या मिश्रा का व्यंग था- ‘अपने ही जलन में जल रहा है आदमी, अपने ही जलन में उबल रहा है आदमी’। जबलपुर की डॉ. उषा दुबे, सरोज डॉ. सरोजिनी प्रीतम की चुटकियों ने माहौल को रंगारंग कर दिया- ‘चुनाव में रंग भी कमाल के होते हैं हमने तो हरा दिया, वह लाल हो गए’।

इस कार्यक्रम में डॉ. डी के डागर विद्यासागर, राम आश्रय गोयल, श्रीमती अपराजिता शर्मा रायपुर, डॉ.  सलमा जमाल, नवल किशोर भाबड़ा, देविदास बामणे, जय बहादुर सिंह राणा कंचन, आभा कुलश्रेष्ठ, डॉ श्रुति सिन्हा, डॉ यशोधरा यादव यशो, मीरा रायकवार, संध्या शुक्ला कानपुर, प्रभा शर्मा मुंबई के बाद मधु पाटोदिया का स्वर- ‘रंगो वाली दुनियादारी मेरी, मां से सादगी का रंग, पिता से ज्ञान का रंग, गांव की हरियाली से वादियों का रंग’।

इसके साथ उषा दुबे ने ‘एक रंग रिश्तो का’ सुनाया, राजलक्ष्मी कृष्णा चेन्नई, प्रभा मेहता के साथ शशि गोयल का स्वर में उन्होंने नए वर्ष का स्वागत करते हुए कहा- ‘पावन है मेरे देश की जमीन ,पावन चारों धाम हैं। सबसे पावन मेरी अयोध्या, जहां बसे श्री राम हैं’। इसके साथ ही संदीप शर्मा, डॉ. आशा मिश्रा मुक्ता, नरेंद्र परिहार, अशोक कुमार ज्योति के साथ कार्यक्रम के अध्यक्ष पदमश्री डॉ.  श्याम सिंह शशि ने कार्यक्रम को सफल बताया और कवियों की कविताओं पर अपने उदगार व्यक्त करते हुए प्रस्तुति दी- ‘हमने अपने घर से पूछा, हमारा घर कहां है, घर ने कहा सारा जहां है’। इनके बाद संस्था के महासचिव डॉ शिवशंकर अवस्थी के स्वर- ‘रंग गुलाल उड़ा क्षितिज में, कलियों ने घूंघट खोले हैं’।

कार्यक्रम की प्रस्तावना अरब देश में बैठे संस्था के महासचिव डॉ. शिवशंकर अवस्थी ने रखी और कार्यक्रम क संचालन नागपुर के नरेंद्र परिहार में किया। कार्यक्रम मे आभार वाराणसी के संयोजक डॉ. अशोककुमार ज्योति ने माना।
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