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उभरते सितारे में 'पर्यावरण संरक्षण'


नागपुर। बच्चों को जो भी पसंद है उन्हें करने देना चाहिए। चाहे वह गाना हो, डांस हो या कुछ और। उसमें वह एक्सपर्ट बनना चाहिए। देखा जाए तो जितनी भी उपमाएं है वह सब प्राणियों को दी जाती है। सुंदर आंखों के लिए हिरण,  सुंदरता के लिए मोर, उस हिसाब से देखा जाए तो इंसान का नंबर कहीं नहीं लगता। सिर्फ, इंसान ही एकमात्र ऐसा जीव है जिसका ब्रेन विकसित हो गया है। लेकिन उस विकसित मस्तिष्क से वो कितना सकारात्मक या नकारात्मक सोचता है, यह वही जानता है। पूरी पृथ्वी में लाखों प्रजातियां है, जो भूखी नहीं रहती।  सिर्फ इंसान ही पैसा कमाता है फिर भी, उसका पेट नहीं भरता। यह विचार डॉ सुनील एस बावस्कर जी ने बच्चों के बीच रखें।


विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं को समर्पित लोकप्रिय उपक्रम 'उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत 'पर्यावरण संरक्षण' विषय पर रोचक, ज्ञानवर्धक, संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में महाराज बाग प्राणी संग्रहालय के चिकित्सक और संरक्षक डॉक्टर सुनील एस बावसकर जी उपस्थित थे । इनका सम्मान, संयोजक युवराज चौधरी ने स्वागत वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर किया। इस अवसर पर डॉ रोहिणी टेंभुर्णे जी प्रमुखता से उपस्थित थीं। सर्वप्रथम कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए संयोजक युवराज चौधरी ने 'पर्यावरण संरक्षण' विषय पर बच्चों और उनके अभिभावकों को महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि कि आज पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए हमें क्या-क्या करना है। प्लास्टिक का उपयोग बंद करना, पेड़ों को काटने से रोकना, वृक्षारोपण करना, एक दूसरे प्राणियों की रक्षा के लिए उपाय करना तथा प्राकृतिक ऊर्जा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।


तत्पश्चात, बच्चों ने भी इस थीम पर अपने विचार रखते हुए अपनी सुंदर कला का प्रदर्शन कर सबको मंत्रमुग्ध किया। जिसमें, डे केयर से यशस्वी वाडेकर, विवान सिंह, आरव कुंभारे, श्रीजा लोहानी, श्रीनिका लोहानी, प्रीशा सोनारे, कौस्तुभ कांबले, हम्माद शेख, जरनेल चौरसिया, चाहत कुलपारिया, जश्न चौरसिया, ओवी,  कौस्तुभ कावळे, सान्वि गुरमुले, दित्या सांगोळे, देवांशी पटनायक के मनमोहक नृत्य ने सब का दिल जीत लिया। अपने सुमधुर गीतों की श्रृंखला में पहल वाधवानी, साक्षी वाधवानी, नूपुर डोंगरे, लिनिशा वासवानी, आराध्या बिजवार, मृणाल तेलरांधे, भव्या अरोरा,  राम बागल, पुलस्त्य तरारे, देवांशी पटनायक और गुलताजश्री रामटेके  ने सुंदर गीत की प्रस्तुति दी। सानिध्य सुटे, स्वर्णिम शिरसाट, निधीश शिरसाट आदि ने तबला वादन किया।  कुबेर जांगिड़ और भवजोत सिंह सप्रा ने  ढोलक तथा, सार्थक लाल ने तबला वादन किया। बच्चों को तबले पर शिवराज ठाकुर और हारमोनियम पर दीपक रामटेके ने सहयोग किया।

प्रतिभाशाली बच्चों की प्रस्तुतियों को नीतू केवल रामानी, अमित चौरसिया, वैशाली चव्हाण, कृष्णा कपूर, प्रीति अभिजीत बागल, मीनाक्षी केसरवानी, दीपक भावे, सुहास तिरपुडे, आशा वेदप्रकाश अरोरा, योगिता तरारे, मोनिका रेमंडल, डॉ शालिनी तेलरांधे, विजय भैसारे, आदिल शेख, बाबा खान आदि ने बहुत सराहा। कार्यक्रम में प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन, वैशाली मदारे ने किया। तथा, उपस्थित सभी दर्शकों, अभिभावकों और कलाकारों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने व्यक्त किया।
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