सिंधी भाषा के विकास हेतु आयोजित ‘सिंधी फिल्म फेस्टिवल’
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नागपुर का फिल्म फेस्टिवल विश्व भर में प्रथम प्रयास
नागपुर। सिंधी भाषा के विकास हेतु नागपुर में पहली बार ‘सिंधी फिल्म फेस्टिवल’ का आयोजन किया गया है. 13 जून तक बुटी (स्मृति) सिनेप्लेक्स में 7 प्रसिद्ध सिंधी फिल्में दिखाई जाएंगी। रोज़ 6.30 और रात 9.30 बजे दो अलग अलग फिल्में दिखाई जाएंगी। सिंधी फिल्म फेस्टिवल’ के अतिथिगण पूर्व नगर सेवक सुरेश जग्यासी, विजय कुमार केवलरामानी, संजीवनी फाउंडेशन के अध्यक्ष वाधनदास तलरेजा, महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल के प्रशासक डॉ. विंकी रूघवानी, मंजू कुंगवानी तथा डॉ. भाग्यश्री खेमचंदाणी थे। सर्वप्रथम अतिथियों ने दीप प्रज्वलन किया तथा इष्टदेव झूलेलाल की फोटो पर माल्यार्पण किया।
वरिष्ठ रंगकर्मी तथा लेखक किशोर लालवानी ने इस आयोजन की प्रस्तावना रखते हुए कहा कि नागपुर में इस प्रकार का प्रयास पहली बार हो रहा है जिसमें देश भर में रिलीज़ हुई बेहतरीन फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा।
सिंधुत्व फाउंडेशन के अध्यक्ष तथा ‘सिंधी फिल्म फेस्टिवल’ के संयोजक मोहन सचदेव ने जानकारी दी कि अहमदाबाद, मुंबई, रायपुर, नागपुर में निर्मित वरदान 2, नाज़ुक रिश्तो, लखी मुहिंजो लखन में, ट्रपड़ टेशन ते, आखरीन टेªन - द लास्ट ट्रेन, खट्टो मिट्ठो तथा दुबई में निर्मित पहिंजो हिकड़ो ई यार आ फिल्मों के अलग अलग दिनों पर दो शो दिखाए जाएंगे।13 जून 2024 समापन कार्यक्रम में चुने हुए कलाकारों एवं फिल्मों को अवार्ड दिये जाएंगे। इस अवसर पर आयोजकों को बधाई देते हुए सुरेश जज्ञासी ने कहा कि निर्माता, निर्देशक, कलाकार और तकनीकी टीम मातृभाषा के उत्थान हेतु जी जान लगाकर अच्छे सामाजिक संदेश देने वाली फिल्मों का निर्माण करते हैं। हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम इन फिल्मों को देखें तथा इनका प्रचार करें ताकि निर्माताओं को और अधिक फिल्में बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
कार्यक्रम में गुरमुख मोटवाणी,, परसराम चेलाणी, कमल जज्ञासी, डॉ. मीरा जारानी, रोशन चावला, श्रीमती लता भागिया, अशोक तुलसाणी प्रमुखता से उपस्थित थे। विजय वीधाणी ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया। उद्घाटन कार्यक्रम के पश्चात दर्शकों को पहली फिल्म वरदान 2 दिखाई गई। फेस्टिवल के सफलतार्थ तुलसी सेतिया, डॉ. विजय मदनानी, किशन आसूदानी, गुलशन दात्रे, हनी खट्टर, दिनेश केवलरामानी, एड. कनक तुलसाणी, विक्की दरयाणी, उषा आमेसर, पूजा मोरयाणी ‘समर्थ’, लवीन सचदेव, रवि चांदवाणी, चंदू गोपाणी, परमानंद कुकरेजा, गिरधारी गुरनाणी अथक प्रयास कर रहे हैं।