गीतों का गुंजन’ ने श्रोताओं को रिझाया
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नागपुर। साई भक्ती प्रवाह द्वारा आयोजित ‘गीतों का गुंजन’ इस संगीतमय कार्यक्रम में गायक कलाकारों ने हिंदी-मराठी गीत प्रस्तुत करके उपस्थित श्रोताओं को रिझाया.
कार्यक्रम में प्रियंका पौनिकर ने ‘लो चली मैं अपने देवर की बारात लेके’, अश्विनी वाळके ने ‘ओ मेरे सोना रे’, राज टाकळीकर ने ‘आज मौसम है बडा बेईमान’, नंदिनी दाणी ने ‘उईमा उईमा ये क्या हो गया’, अश्विनी क्षीरसागर ने ‘झुमका गिरा रे’, सुरेखा बाईस्कर ने ‘माई नी माई’,
मीनाक्षी तडस ने ‘हसता हुआ नुरानी चेहरा’, वर्षा मेश्राम ने ‘नेहमीच राया तुमची घाई’, रंजना सोनी ने ‘दिल है के मानता नहीं’, रितेश धनराज ने ‘दिल का आलम मैं क्या’, अनुप कांबडे ने भंवरे की ‘गुंजन है मेरा दिल’, विवेक पाध्ये ने ‘तुम क्या मिले जाने जा’, संजय सज्जनवार ने ‘बेकरार करके हमें यु ना’, यश गालपिलेवार ने ‘ये लाल इश्क ये मलाल इश्क’, धरमदीप सोरदे ने ‘तुम मुझे यु भुला ना पाओगे’, धनंजय गजभिये ने ‘आने से उसके आए बहार’,
विजय चव्हाण ने ‘लाखों है निगाहों में’, राजू बोकडे ने ‘रूक जाना ओ जाना हमसे दो बाते’, सुनील बेहरे ने ‘ना कजरे की धार ना मोतियों का हार’, शैलेश मुधोळकर ने ‘किसी राह में किसी मोड पर’, शैलेंद्र कराळे ने ‘गुलाबी आंखे जो तेरी देखी’, कमलाकर डोल्हेकर ने ‘अखिया संग अखिया लागे’, मनीष पाटील ने ‘जाने जा ढुंढता फिर रहा’ गीत प्रस्तुत किए.
श्रोताओं ने तालियों की गुंज से कलाकारों को सराहा. इन गायक कलाकारों को कीबोर्डपर अजित भालेराव, ऑक्टोपॅडपर पवन भोयर, गिटारपर नितीन अहिरे, ढोलकपर सुधीर अमनेक, कोंगो तुंबापर राजेश दामनकर इन वादकों ने उत्तम साथ दी.
मधुरम हॉल में हुए इस कार्यक्रम का दिग्दर्शन प्रियंका पौनिकर ने, तथा आयोजन अश्विनी वाळके ने किया था. कार्यक्रम का उत्तम संचालन राज टाकळीकर ने किया. कार्यक्रम में श्रोताओं का उत्तम प्रतिसाद मिला.