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ग्रीष्मकाल में शरीर का जलीयांश न होने दें कम : केवलरामानी


सिंधु युवा फोर्स के अध्यक्ष का सुझाव 

नागपुर। विगत 2 दशकों से रक्तदान शिविरों का निरंतर आयोजन करने वाली संस्था सिंधु युवा फोर्स के अध्यक्ष गुड्डू केवलरामानी ने सुझाव दिया है कि ग्रीष्मकाल में शरीर का जलीयांश कम न होने दें. यह स्थिति प्राणघातक तक बन सकती है. अतः अधिक मात्रा में पानी पिएं. उन्होंने कहा कि फिलहाल तो गर्मियों की शुरुआत है. आगामी दिनों में जब सूर्य आग का गोला बनकर रौद्र रूप दिखाएगा तो सभी प्राणी त्रस्त हो जाएंगे. बार बार कंठ सूखेगा. ऐसे में शरीर का जल से परिपूर्ण होना आवश्यक है अन्यथा विभिन्न बीमारियां घेरकर प्राण तक ले सकती हैं. 

जलीयांश कम होने पर स्वाभाविक रूप से रक्ताल्पता (एनिमिया) हो जाती है. केवलरामानी ने चेताया कि रोगी की हालत ज्यादा बिगड़ने पर कृत्रिम खून चढ़ाने की नौबत आ सकती है, इसलिए एहतियात बरतना जरूरी है क्योंकि गर्मी के मौसम में ब्लड बैंकों में भी आसानी से रक्त नहीं मिल पाता. उनकी संस्था की ओर से ग्रीष्मकाल की इस भीषण समस्या से निजात पाने के लिए वर्ष में कई रक्तदान शिविर आयोजित किए जाते हैं, जिनमें एकत्र रक्त विभिन्न सरकारी अस्पतालों व ब्लड बैंकों में जमा कराया जाता है ताकि इमरजेंसी में उसका उपयोग किया जा सके. 

इसके उपरांत कुछ आपातकालीन स्थितियों में समय पर रक्त उपलब्ध नहीं हो पाता और रोगी की मृत्यु हो जाती है. इससे बचने का श्रेष्ठतम उपाय यही है कि नियमित रूप से रक्तदान करते रहें. इससे रक्तदाता को किसी प्रकार की कमज़ोरी नहीं होती. चिकित्सकों के अनुसार रक्तदान करने वाले का स्वास्थ्य बेहतर होता है क्योंकि उनके खून की री-साइकिलिंग हो जाती है. साथ ही रक्तदाता अनायास ही मानवीय पुण्यकर्म में सहभागी हो जाता है.
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