मातृभाषा के गीत सुनकर श्रोता हुए मंत्रमुग्ध
https://www.zeromilepress.com/2025/05/blog-post_39.html
वैशु'ज़ म्युज़िकल वर्ल्ड की ओर से सुमधुर गीतों का कार्यक्रम आयोजित
नागपुर। भारत के हर राज्य की अपनी विशिष्ट बोली भाषा है। जिसमें, खूबसूरत मधुर संगीत रचा और बसा है। अलग- अलग भाषाओं के माध्यम से वह गीत मन को छू जाते हैं। इसलिए, वैशु'ज़ म्युज़िकल वर्ल्ड की ओर से 'मातृभाषा के गीत' शीर्षक के अंतर्गत हिंदी सिनेमा जगत के लोकप्रिय अलग अलग भाषाओं के गीतों को लेकर, हिंदी मोर भवन के नटराज हॉल में सुमधुर गीतों का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में विशेष रूप से संगीत समीक्षक दीपक भावे जी उपस्थित थे। सर्वप्रथम, कार्यक्रम की निर्देशिका वैशाली मदारे ने सभी कलाकारों का शाब्दिक स्वागत किया।
कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए राज चौधरी ने मलयालम गीत से शुरुआत की। तत्पश्चात, दिलीप जनाई ने मराठी गीत 'भेट तुझे माझी', 'शतदा प्रेम करावे', रत्नाकर धवळ ने 'तुझे गीत गाण्या साठी', काकोली मलिक ने बांग्ला गीत इशारे मोन की भोरे', 'राज़ तेरी आंखें', जयंती समद्दार ने 'जा रे उड़ जा रे पाखी', वैशाली मदारे ने 'सुन्या सुन्या मैफिलित माझ्या', अनिल तेलंग ने 'चिराग दिल का जलाओ', 'खोया खोया चांद', नूतन सिंह छाड़ी ने 'दया घना', 'बा होशो हवास', दिनेश कामतकर ने 'नववारी साड़ी पाहिजे', 'यमला पगला दीवाना',
विजय वानखडे ने 'मन उधान वा-याचे', 'ऐसी दीवानगी', कैलाश रेड्डी ने 'ओ हंसिनी', 'किसी नजर को तेरा', रोशन मसराम ने 'तेरी आंखों के सिवा', 'चाहूंगा मैं तुझे', राजेंद्र चंद्रयान ने 'आपके पहलू में आकर', 'दोनों ने किया था प्यार', राज चौधरी ने बांग्ला गीत 'कहीं दूर जब' और वैशाली मदारे के साथ युगल गीत 'प्रीतिचं झूळ झूळ पाणी' गाकर समां बांध दिया।
कार्यक्रम का कुशल निर्देशन वैशाली मदारे तथा संचालन राज चौधरी ने किया। शानदार स्ट्रीमिंग एपीएस के विनोद अग्रवाल ने एवं ध्वनि प्रक्षेपण दिलिप भाई ने संभाला। जिसे सभी दर्शकों ने सराहा। कार्यक्रम की संकल्पना राज चौधरी की रही।