भारत की स्वतंत्रता और प्रगति में वीर सपूतों का महत्वपूर्ण योगदान : युवराज चौधरी
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उभरते सितारे मे 'भारत के वीर सपूत'
नागपुर। भारत के वीर सपूत जिसका शाब्दिक अर्थ है भारत के बहादुर बेटे, जिन्होंने देश के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया या जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता और प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया। यह वाक्य देश भक्ति, वीरता और बलिदान के मूल्यों का प्रतीक है। यह एक ऐसा वाक्यांश है जिसका उपयोग भारत के महान व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिए किया जाता है। इन व्यक्तियों में स्वतंत्रता सेनानी, सैनिक, वैज्ञानिक, कलाकार और अन्य लोग शामिल हैं, जिन्होंने देश के लिए असाधारण कार्य किया है। और भारत को गौरवान्वित किया है। यह बातें संयोजक युवराज चौधरी ने बच्चों को समझाईं।
आज यहां सभी बच्चों का अभिनंदन। यह एक ऐसी थीम है, जिसमे राष्ट्र पहले होना चाहिए। जितने भी फौजी हैं, जब वह अपनी ड्यूटी पर जाते हैं तो घर को भूल जाते हैं। यह विचार कैलाश रेड्डी जी ने बच्चों और उनके अभिभावकों के बीच रखे।
विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं को समर्पित उपक्रम 'उभरते सितारे' का आयोजन हिंदी मोर भवन के उत्कर्ष हॉल में किया गया। कार्यक्रम का विषय 'भारत के वीर सपूत' पर आधारित ज्ञानवर्धक, मनोरंजन और संगीतमय प्रस्तुतियों से भरा रहा। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप मे पैरामिलिट्री फोर्स के सेवानिवृत अधिकारी श्री कैलाश रेड्डी उपस्थित थे। इनका सम्मान संयोजक युवराज चौधरी और सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने स्मृति चिन्ह देकर किया।
सर्वप्रथम, कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए, प्रशांत शंभरकर ने 'भारत के वीर सपूत' पर अपने विचार रखें। इस अवसर पर, विषम परिस्थितियों में दसवीं कक्षा की परीक्षा अच्छे नंबरों से पास करने के लिए अर्चिता लखोटे को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।
तत्पश्चात, बच्चों ने भी इस विषय पर अपने विचार रखते हुए अपने गीतों और नृत्य से सबको प्रभावित किया। जिसमें, भारत के वीर सपूत पर एक कविता संपूर्णा रेमंडल ने कही। अथांग भैसारे, विधि कृपलानी, दुबई से आयी देवांशी तलरेजा ने सुंदर नृत्य से सब मन जीत लिया। वियोमी रेड्डी, काव्या कोल्हे, शिवम रेड्डी, विधि कृपलानी अनुया आचार्य, देवांशी तलरेजा, राम बागल, अर्चिता लखोटे और कीबोर्ड बजाकर सांची मंगवानी ने सुंदर गीतों की प्रस्तुति दी।
बच्चों की प्रस्तुतियों को उनके अभिभावकों के साथ-साथ कृष्णा कपूर, विवेक वाघमारे, अश्विनी अजय लखोटे, प्रीति बागल, दीपक भावे, विजय वानखडे, प्रीति आचार्य, डॉ.प्रकाश उइके, ए एन शर्मा, काव्या तलरेजा आदि ने बहुत सराहा। कार्यक्रम मे प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन वैशाली मदारे ने किया। एवं, उपस्थित सभी दर्शकों, कलाकारों और बच्चों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने अपने शब्दों में व्यक्त किया।